New Delhi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 को मंजूरी दे दी है. जिससे यह अब कानून बन गया है. संबंधित अधिसूचना शनिवार रात को राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी कर दिया गया है. जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यह अधिनियम 5 अप्रैल, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त कर चुका है और इसे आम जनता के लिए प्रकाशित किया गया है. मंजूरी मिलने के बाद वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 कर दिया गया है.
यह विधेयक पहले लोकसभा में पेश किया गया, जहां 2 अप्रैल को हुई बहस के बाद मतदान हुआ. लोकसभा में 543 में से 520 सदस्य उपस्थित थे, जिनमें से 288 ने पक्ष में और 232 ने विरोध में वोट दिया. इसके बाद, यह विधेयक राज्यसभा में भेजा गया, जहां 4 अप्रैल को 13 घंटे लंबी बहस के बाद मतदान हुआ. राज्यसभा में 245 सदस्य उपस्थित थे, जिनमें से 128 ने इसे समर्थन दिया, जबकि 95 ने इसका विरोध किया. भाजपा और उसके सहयोगी दलों के समर्थन से यह विधेयक पारित हुआ.
नए कानून में क्या बदलाव?
विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों और महिलाओं को शामिल करने, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, कलेक्टर को सर्वेक्षण का अधिकार देने, और ट्रिब्यूनल के फैसलों के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की अनुमति जैसे प्रावधान शामिल हैं. इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और कुशलता लाना है.
विरोधों का कारण और सरकार का स्पष्टीकरण
विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने इस बिल का विरोध किया है, उनका मानना है कि यह धार्मिक स्वायत्तता पर हमला है और गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति हस्तक्षेप है. हालांकि, केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में स्पष्टीकरण दिया कि इस विधेयक से मुस्लिम समुदाय को कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के लिए लाभकारी होगा और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या तीन से अधिक नहीं होगी, जिससे बहुमत मुसलमानों का ही रहेगा.
पूर्व प्रभाव से लागू नहीं होगा कानून
यह महत्वपूर्ण बदलाव किया गया कि नया वक्फ कानून पूर्व प्रभाव से लागू नहीं होगा. पहले वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था. समिति की सिफारिशों के आधार पर वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 संसद में पेश किया गया और अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. नए कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में कदम उठाए गए हैं, जिससे इन संपत्तियों का सही उपयोग और संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा.
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