कन्या की संक्रान्तरि के साथ इस वर्ष विश्‍वकर्मा पूजा में कई शुभ संयोग बन रहे हैं। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह से रात तक वृद्धि योग जा शुभ सयोग रहेगा। दिन भर मानेगा और पूरे दिन से साम तक पूजा होगा। इसके साथ ही सुबह से दोपहर तक अमृत सिद्धि योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ द्विपुष्कर योग का शुभ सयोग बनेगा। ये सारे योग मिलकर विश्वकर्मा पूजा का फल कई गुना कई गुना बढ़ा रहे हैं।

सृष्टि के निर्माता ब्रह्मा जी ने सृष्टि को सजाने-संवारने का काम भगवान विश्वकर्मा को दिया। कन्‍या संक्रांति के दिन भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा की जाती है। जिस दिन सूर्य कन्‍या राशि में गोचर करते हैं उस दिन को कन्‍या संक्रांति कहते है। इस दिन लोग अपने औजारों-मशीनों की पूजा करते हैं.

कारखानों में लगी मशीनों और वाहनों की पूजा की जाती है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विश्‍वकर्मा की और मशीनों की पूजा करने से मशीनें, वाहन बार-बार खराब नहीं होते हैं।

विश्‍वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त :
सुबह 07: 35 मिनट से सुबह 09: 10 मिनट तक दिन में 11 35 से 12 40 तक। दोपहर शुभ मुहूर्त 01: 45 मिनट से 03:20 मिनट तक दोपहर 03: 20 मिनट से शाम 04: 53 मिनट तक विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।

प्रसिद्ध ज्योतिष
आचार्य प्रणव मिश्रा
आचार्यकुलम, अरगोड़ा, राँची

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