Joharlive Desk

विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक रसायन फैक्टरी में गैस लीक होने से 11 लोगों की मौत हो गई और करीब एक हजार लोग इस जहरीली गैस के संपर्क में आए हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बताया कि अब फैक्टरी से गैस रिसाव को लगभग बंद कर दिया गया है लेकिन एनडीआरएफ के अधिकारी तब तक मौके पर मौजूद रहेंगे जब कर यह पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आ जाता है।

एनडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि अभी तक गैस लीक की वजह से 11 लोगों की जान जा चुकी है। एनडीआरएफ के सदस्य कमल किशोर शर्मा ने कहा कि फैक्टरी के नजदीकी इलाकों में रहने वाले करीब एक हजार लोग लीक हुई गैस के संपर्क में आए हैं। प्रधान ने कहा घटना स्थल के तीन किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 500 लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस घटना का जायजा लिया और आंध्र के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ एक बैठक भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि इस घटना के संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय और एनडीएमए के अधिकारियों के साथ बैठक की है, इश पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा, ‘मैं विशाखापट्टनम में सभी लोगों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए प्रार्थना करता हूं।’

बैठक के बाद एनडीएमए के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने शीर्ष सरकारी अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, एनडीएमए. एनडीआरएफ, एम्स के निदेशक और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ हुई बैठक में मिश्रा ने विशेषज्ञों की टीम को घटना स्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने इस गैस लीक की वजह से लोगों की मौत और तबीयत बिगड़ने पर आंध्र प्रदेश सरकार और केंद्र को नोटिस जारी किया है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव से इलाज और बचाव कार्य की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

इसके साथ ही आंध्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को भी एक नोटिस जारी किया गया है। इसमें उनसे चार सप्ताह के अंदर इस बात की जानकारी देने को कहा गया है कि इस मामले में कितनी एफआईआर दर्ज हुईं और जांच की स्थिति क्या है।

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