Joharlive Desk

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ कांड के फरार मुख्य आरोपी कुख्यात विकास दुबे के राजनीतिक गलियारों में सबंध को लेकर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इसी बीच कुछ कागजात वायरल हो रहे हैं, जिनके अनुसार कुख्यात की पत्नी रिचा दुबे समाजवादी पार्टी (सपा) की सक्रिय सदस्य थी। उसने साल 2015 में पार्टी के मुखपत्र ‘समाजवादी बुलेटिन’ के आजीवन सदस्यता शुल्क के तौर पर 20 हजार रुपये दिए थे। सोशल मीडिया में बताया जा रहा है कि विकास की पत्नी ने साल 2015 में गांव में ही समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली थी। इसी साल उसने सपा के समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। उसने अधिकृत प्रत्याशी के रूप में फॉर्म भरा था। उसने फॉर्म में सपा की सदस्यता का नंबर भी भरा था। पार्टी के सभी कार्यक्रमों में उसके शामिल होने का जिक्र है।

हालांकि सपा ने इस बात को नकार दिया है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि समाजवादी पार्टी में आजीवन सदस्य कोई नहीं बनता है। सिर्फ 3 साल के लिए सदस्य बनता है। समाजवादी बुलेटिन पत्रिका है, जिसका कोई भी सदस्य बन सकता है। पार्टी को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया में तमाशा हो रहा है। इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, “सपा में 20 हजार में कोई सदस्य नहीं बनता है। खुली मेम्बरशिप है। समाजवादी बुलेटिन एक मैग्जीन है, जिसका कोई भी सदस्य बन सकता है। हमारा रिचा दुबे और विकास दुबे से कोई लेना-देना नहीं है।”

इस मामले को लेकर भाजपा प्रवक्ता डा़ॅ चंद्रमोहन ने कहा, “जिनके महल कांच के बने होते हैं, वे दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते। हैं। अखिलेश यादव जो मसखरेपन की बातें कर रहे हैं, वह बचाव का हिस्सा है। कानपुर का बच्चा-बच्चा जानता है कि विकास दुबे समाजवादी पार्टी का सक्रिय सदस्य है।”

इससे पहले, विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे का एक पोस्टर भी खूब वायरल हुआ था। ये पोस्टर उस वक्त का है, जब रिचा दुबे घिमऊ से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही थी। जिला पंचायत सदस्य पद की दावेदार रिचा दुबे को उस वक्त समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त था। उसके पोस्टर में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की तस्वीरें भी साफ दिखाई दे रही हैं।

ज्ञात हो कि कुख्यात अपराधी विकास दुबे की कई राजनीतिक पार्टियों में संबंध थे। सीधे तौर पर भले ही वो किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं रहा हो, लेकिन यूपी की तीनों प्रमुख पार्टियों में उसकी पकड़ बताई जाती है। पंचायत चुनाव के दौरान भी उसे बसपा से समर्थन मिला था। जबकि उसकी पत्नी तो सपा की ही सदस्यता का दावा कर रही थी।

कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का राजनीतिक इतिहास भी चौंकाने वाला है। जब जिस पार्टी की सरकार रहती है, वह उसी पार्टी के दमदार नेताओं के संपर्क में रहकर अपनी सुरक्षा करता है। उसे सबसे ज्यादा राजनीतिक संरक्षण बसपा की सरकार में मिली। तब से लेकर विकास दुबे सपा के कई प्रमुख नेताओं और भाजपा के भी कुछ नेताओं के संपर्क में रह रहा था। अभी विकास पुलिस की पकड़ से दूर है। उसे लेकर पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

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