नई दिल्ली: बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है और देशभर में बड़े पैमाने पर आंदोलन तेज हो गया है। रविवार को पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई झड़पों में 91 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए। आंदोलनकारी अब पहले के आरक्षण विरोध के एजेंडे को छोड़कर मौजूदा सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं।
भारत ने इस हिंसा की स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों को यात्रा करने से परहेज करने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय ने अपने ताजा परामर्श में कहा है कि भारतीय नागरिकों को ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने और अपनी आवाजाही को सीमित रखने की सख्त सलाह दी जाती है। इसके अलावा, मंत्रालय ने अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा से बचने को कहा है।
रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत 91 लोगों की मौत हुई। प्रदर्शनकारी अब प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने अपने परामर्श में कहा है कि बांग्लादेश में मौजूद भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने, अपनी आवाजाही सीमित रखने और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।
पिछले महीने शुरू हुआ छात्रों का विरोध प्रदर्शन पहले नौकरी कोटा योजना के खिलाफ था, लेकिन अब यह एक व्यापक सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है। विदेश मंत्रालय ने 25 जुलाई को बताया था कि बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए लगभग 6,700 भारतीय छात्र बांग्लादेश से लौट चुके हैं।