नई दिल्ली: पूर्व महिला रेसलर विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई है. ओलंपिक में पदक जीतने के करीब पहुंचकर भी डिस्क्वालीफाई होने के बावजूद, विनेश ने हरियाणा की जुलाना सीट से जीत दर्ज की है, जो उनके संघर्ष और मेहनत का प्रमाण है.

पहलवानी से राजनीति तक का सफर

पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई होने के बाद, विनेश ने पहलवानी से संन्यास लेने का फैसला किया. इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हुईं और पार्टी ने उन्हें जुलाना सीट से उम्मीदवार बनाया. विनेश ने जंतर मंतर पर अपनी साथी खिलाड़ियों के साथ प्रदर्शन कर महिला खिलाड़ियों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी, जहां उन्होंने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे.

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ओलंपिक में निराशा

 

 

 

 

 

 

 

 

विनेश फोगाट ने 53 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा की, लेकिन वजन के कारण फाइनल में डिस्क्वालीफाई हो गईं. उनके सेमीफाइनल में जीत के बाद उन्हें सिल्वर मेडल की उम्मीद थी, लेकिन अचानक हुई इस घटना ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे देश को स्तब्ध कर दिया. भारतीय ओलंपिक संघ ने उनकी स्थिति को सुधारने के लिए सीएएस में अपील की, जो खारिज कर दी गई.

राजनीति में एंट्री

17 अक्टूबर को भारत लौटने पर विनेश का भव्य स्वागत हुआ. उनके घर पर भीड़, फूलों की मालाएं और सम्मानित करने का सिलसिला जारी रहा. उनकी लोकप्रियता को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया. विनेश ने सक्रियता से प्रचार किया और अपनी मेहनत के बल पर जुलाना की जनता का विश्वास जीत लिया. विनेश फोगाट ने ओलंपिक में असफलता का सामना किया, लेकिन हरियाणा की जनता ने उन्हें राजनीति में सफल होने का मौका दिया. उनके संघर्ष और समर्पण ने उन्हें एक नई पहचान दी है.

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