Joharlive Team
रांची। 21वी सदी के इस दौर में नाव की सवारी एक मनोरंजन का साधन माना जाता है। लेकिन राजधानी रांची के अनगड़ा प्रखंड का तुरुप एक ऐसा गांव है जहां से अगर आपको शहर के लिए आना है तो नाव का इस्तेमाल करना ही होगा।
दरअसल, राजधानी रांची से महज 20 किलोमीटर दूर अंगड़ा प्रखंड का इलाका है। यहां पर शहर में आने के लिए लोगों को मजबूरन नाव का इस्तेमाल करना होता है। लोगों की माने तो अगर ग्रामीणों को सड़क मार्ग से शहर जाना पड़े तो इसके लिए उन्हें 35 से 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा, जिसके लिए 2 से ढाई घंटे लगेंगे। क्योंकि उस इलाके में जो सड़क है वह बेहद जर्जर है और रिंग रोड के अंतर्गत जो नई सड़क बन रही है, उसका निर्माण कार्य चल रहा है। लेकिन इस गांव से शहर की दूरी काफी ज्यादा है।
जानकारी के अनुसार, यह बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की निजी जमीन है इसीलिए यहां पर पुल का निर्माण नहीं हो सकता। क्योंकि प्रबंधन इसकी इजाजत नहीं देता। लेकिन शॉर्टकट के तौर पर लोग आजादी के बाद से अब तक नाव का इस्तेमाल कर रहे हैं और शहर में आकर अपनी जीविका चला रहे हैं।