लोहरदगा: जिले के किस्को प्रखंड मे इन दिनों वन विभाग और बिजली विभाग एवं पाखर पठारी क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पाखर पठारी क्षेत्र में बीते दिनों वन विभाग के द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण को लेकर गाड़े गए पोल खंभे के ईर्द-गिर्द बिजली विभाग के कर्मियों के कहने पर ग्रामीणों द्वारा लकड़ी काटे जाने का मामला तुल पकड़ने लगा है. ग्रामीणों ने इसका पूरजोर विरोध करते हुए वन विभाग के विरोध में एकजुटता का प्रदर्शन किया.

ग्रामीणों को बदनाम करने में तुला हुआ है वन विभाग

इस बीच ग्रामीणों ने वन विभाग के कार्यों से खफा होकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि वन विभाग हम सीधे-साधे जनता को बिजली विभाग के इशारे पर पेड़ काटे जाने का जो आरोप लगाया गया है, वह पूरी तरह से गलत और निराधार है. ग्रामीणों के अनुसार बिजली विभाग के कर्मियों के कहने पर पेड़ काटे जाने को लेकर हम लोगों को वन विभाग बदनाम करने में तुली हुई है जो वास्तव मे बिल्कुल भी सही नहीं है. इन ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वन विभाग बेबुनियाद और मनगढ़ंत कहानी बनाकर ग्रामीणों को बेवजह परेशान कर रही है. इधर पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति आक्रोशित होते हुए कहा कि वन विभाग अपनी कार्यशैली सुधारे और जनता और बिजली विभाग के कर्मियों के उपर आरोप लगाना बंद करें. साथ ही चेतवानी देते हुए कहा की वरना बाध्य होकर वन विभाग के खिलाफ सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन किया जाएगा.

आये दिन बड़े पैमाने पर होता है लकड़ी तश्करी का खेल

बता दें कि बीते दिनों भुरसाखाड़ और डहरबाटी के इर्द-गिर्द हरे भरे पेड़ काटे जाने मामले को लेकर वन प्रमंडल पदाधिकारी अरविंद कुमार के आदेशानुसार टीम गठित कर वन विभाग की टीम ने छापामारी कर अग्रतर कार्रवाई की थी. उक्त छापामारी अभियान में वन विभाग को सखुआ बोटा बरामद हुआ था जिसे लेकर वन विभाग की ओर से की गई कार्रवाई से बिजली विभाग के कर्मियों और क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसी के बाद ग्रामीणों ने डहरबाटी यात्री शेड के समीप एकत्रित होकर वन विभाग के खिलाफ आवाज उठाने का कार्य किया है. गांव वालों ने भी इसका जमकर विरोध प्रकट करते हुए वन विभाग को नसीहत देते हुए कहा कि वन विभाग पहले लकड़ी माफियाओं को संरक्षण देने से बाज आए उसके बाद जनता को झूठे आरोप में फंसाने के बारे में सोचे. ग्रामीणों ने बताया की पाखर पठारी क्षेत्रों में आये दिन बड़े पैमाने पर लकड़ी तश्करी का खेल जोरों पर किया जाता है जिसपर अंकुश लगाने में अब तक वन विभाग की टीम नाकाम साबित हुई है. और बेवजह का हम गांव वालों को परेशान करने का कार्य कर रही है जो बिल्कुल झूठ और बेबुनियाद है.

रेंजर अरूण कुमार ने कहा ग्रामीणों के उपर किसी तरह का कोई आरोप दर्ज नहीं

किस्को के भुरसाखाड़ और डहरबाटी क्षेत्र में वनों की कटाई मामले पर रेंजर अरूण कुमार से दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के उपर किसी तरह का कोई आरोप दर्ज नहीं किया गया है सिर्फ संवेदक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया है. साथ ही बिजली विभाग से पेड़ काटे जाने को लेकर एनओसी ली गई है या नहीं इसको लेकर स्पष्टीकरण की मांग की गई है. वहीं स्थानीय ग्रामीण सुखनाथ नगेसिया, जयनंदन नगेसिया, मंगल नगेसिया, बिरकू नगेसिया, एतवा बारला, सुखन नगेसिया, शनिचरवा नगेसिया, बिफना नगेसिया, पतरस नगेसिया, बीरेंद्र नगेसिया, नंदकिशोर नगेसिया, बिजेंद्र नगेसिया, सहेबा मुंडा, मुनेश्वर नगेसिया, सामेल नगेसिया, सिटकम नगेसिया कोचे मुंडा, जीतेंद्र नगेसिया, बंधना मुंडा, सुखनंदन नगेसिया, विगन नगेसिया सहित अन्य ने वन विभाग के कार्यों से खफा होकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.

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