नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश में सियासी हलचल के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. शिमला में आज प्रेस कांफ्रेंस में विक्रमादित्य सिंह ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर हमला बोलते हुए अपने इस्तीफे का ऐलान किया. प्रेस कांफ्रेंस में विक्रमादित्य सिंह काफी भावुक नजर आए और कहा कि, मेरे पिता जी की मूर्ति लगाने के लिए मुझे 2 गज जमीन नहीं मिली. कहा कि वर्तमान परिस्थिति में इस सरकार में बने रहना मेरे लिए ठीक नहीं है, इसलिए मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

विक्रमादित्य सिंह ने आगे कहा कि, ‘मैंने हमेशा कहा है कि, पद और कैबिनेट पद मेरे लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं. मेरे लिए, सबसे महत्वपूर्ण बात हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ संबंध है…लेकिन पिछले एक साल में सरकार में जिस तरह की व्यवस्था रही, जिस तरह से विधायकों की अनदेखी की गई और उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई – ये उसी का परिणाम है.” उन्होंने आगे कहा कि, ”हिमाचल प्रदेश में पिछले 2-3 दिनों में जो घटनाक्रम हुआ, वह लोकतंत्र में चिंता का विषय है. यह इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि राज्य की 70 लाख जनता ने सरकार चुनी.

जानकारी हो कि विक्रमादित्य सिंह साल 2013 से 2018 तक हिमाचल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं. वर्ष 2017 में पहली बार विधायक बनने के बाद उन्हें पब्लिक अंडरटेकिंग कमेटी का सदस्य भी बनाया गया था. साल 2017 में सबसे युवा विधायक के तौर पर पहली बार विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचने वाले विक्रमादित्य सिंह ने विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन जयराम सरकार को कई मुद्दों पर घेरने का काम किया. विक्रमादित्य सिंह अक्सर पार्टी लाइन से हटकर बात करने के लिए जाने जाते हैं.

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