रांची। सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन (एसडीएफ) से विद्याधन छात्रवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। छात्रवृत्ति 2 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए, यानी आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों एवं छात्राओं के लिए है। छात्रों एवं छात्राओं को 2022 में अपनी 10 वीं कक्षा की परीक्षा में उत्तीर्ण होना अनिवार्य है 75 प्रतिशत प्राप्तांक तथा 7.5 CGPA ( दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए 60% प्राप्तांक) के साथ।
चयनित छात्र प्लस 2 के लिए 10,000 रुपये / वर्ष की छात्रवृत्ति राशि के हकदार होंगे। यदि वे अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखते हैं, तो उन्हें उनकी रुचि के किसी भी डिग्री कोर्स को करने के लिए प्रति वर्ष 10,000 रुपये से 60,000 रुपये के बीच छात्रवृत्ति दी जाएगी। जो योग्य छात्र/छात्रा हैं वे सितंबर 30th, 2022 तक www.vidyadhan.org पर लॉग इन करके ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया [email protected] पर लिखें या प्रोग्राम असोसीऐट राहुल देव से 9801704605/7903904428 पर संपर्क करें।
सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन की संरक्षक कुमारी शिबूलाल के अनुसार, “हमें इस साल झारखण्ड में विद्याधन कार्यक्रम शुरू करते हुए बहुत खुशी हो रही है। हमारा प्रयास आर्थिक रूप से वंचित प्रत्येक मेधावी बच्चे को उच्च शिक्षा का अधिकार प्रदान करना है। मेरा मानना है कि शिक्षा जीवन को बदलने का पासपोर्ट है। मौद्रिक सहायता के अलावा, हम उन्हें अपने जीवन में सफल होने में मदद करने के लिए करियर मार्गदर्शन और सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षण भी प्रदान करते हैं। हम सभी योग्य छात्रों/छात्राओं को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। मैं बाहरी व्यक्तियों को भी विद्याधन मंच से जुड़ने के लिए आमंत्रित करती हूं, और हमारे साथ एक बच्चे को शिक्षित करने की खुशी साझा करना चाहती हूं।”
सरोजिनी दामोदरन फाउंडेशन ने इस वर्ष तक लगभग 27000 छात्रवृत्तियां दी हैं। फाउंडेशन के संरक्षकों को उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में यह संख्या 1,00,000 छात्रवृत्तियों तक पहुंच जाएगा। यह कार्यक्रम 12 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में -केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, दिल्ली, लद्दाख , महाराष्ट्र और गोवा स्थापित है, और इस वर्ष झारखंड, बिहार पंजाब में आरंभ किया जा रहा है। विद्याधन टीम को कार्यक्रम से बहुत आशाएं है कि आने वाले वर्षों में यह कार्यक्रम झारखंड के विद्यार्थियों की प्रगति का एक विश्वनीय माध्यम बनेगा और उनके सपनों को नई उड़ान देगा।