JoharLive Team
- प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी से सफल रहा पहले चरण का चुनाव।
- गुमला में विस्फोट से नहीं टूटा लोगों का हौसला, नक्सली इरादे फेल।
रांची : झारखंड विधानसभा कि पहले चरण के चुनाव से लोकतंत्र के जीत के संकेत मिले हैं। पहले दिन 13 सीटों पर रिकॉर्ड 64.44 फ़ीसदी मतदान हुआ। यह आंकड़ा 2014 के विधानसभा चुनाव से 1.8 फीसद अधिक है। 13 सीटों में सबसे अधिक लोहरदगा में 71.47 फ़ीसदी मतदान हुआ। चतरा में सबसे कम 56.59 फीसदी मतदान हुआ, जो कि पिछले साल के मुकाबले 2.97 फीसदी अधिक है। शेष लगभग सभी सीटों पर पिछले साल की तुलना में मतदान प्रतिशत बढ़ा है।
पहले चरण की 13 सीटें जिन जिलों में आती हैं, वे जिले झारखंड में नक्सलियों का गढ़ है। इस बार भी चुनाव के पूर्व नक्सलियों द्वारा वोट बहिष्कार की धमकी दी गई थी। चुनाव शुरू होते ही घागरा के पास गुमला रोड स्थित एक पुल के नीचे विस्फोट भी किया गया। लेकिन इन तमाम नक्सली प्रयासों का कोई असर मतदाताओं पर नहीं पड़ा, जिसका परिणाम मतदान फीसद साफ-साफ बता रहे हैं। इसका श्रेय जिला प्रशाशन और पुलिस की मुस्तैदी को जाता है।
क्षेत्र 2014 2019
चतरा – 53.62 56.59
गुमला – 60.73 67.30
बिशुनपुर – 66.92 69.08
लोहरदगा – 67.75 71.47
मनिका – 59.77 62.66
लातेहार – 66.17 67.02
पांकी – 65.72 64.30
डाल्टनगंज – 64.70 64.10
विश्रामपुर – 61.31 61.72
छतरपुर – 59.63 62.42
हुसैनाबाद – 62.31 60.94
गढ़वा- 67.81 66.04
भवनाथपुर – 68.16 67.34
कुल 63.29 64.44
मुस्तैद प्रशासन और पुलिस की चाक-चौबंद से सफल होगा लोकतंत्र के महापर्व का पहला चरण –
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रिकॉर्ड मतदान के लिए प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी सराहनीय है। नक्सलियों की कोशिशों के बावजूद उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया गया। कड़ी सुरक्षा और गस्ती के बीच लोगों ने निर्भीक होकर अपना मतदान किया। बूथ पर लोगों की लाइन लगी रही, क्योंकि निगहबान बनी पुलिस ने लोगों की सुरक्षा का जिम्मा लिया था
पहले चरण का चुनाव सबसे बड़ी चुनौती थी : विनय चौबे
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पहले चरण का चुनाव सबसे सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने सर्वाधिक नक्सल प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान कराने को बड़ी उपलब्धि बताई है। बता दें कि पहले चरण में 20 हजार चुनाव कर्मी ड्यूटी पर थे। उनके साथ 13 पर्यवेक्षक, सात व्यय पर्यवेक्षक, 6 पुलिस पर्यवेक्षक और 548 सूक्ष्म पर्यवेक्षक लगाए गए थे।