रांची : विश्व हिन्दू परिषद रांची ग्रामीण जिला मंत्री रोबिन कुमार महतो व बजरंग दल जिला संयोजक बिनोद विश्वकर्मा ने एक संयुक्त प्रेस बयान जारी कर नगड़ी पुलिस के रवैये पर सवाल उठाया है. जारी किए गए प्रेस बयान में कहा गया है कि विगत दिनों नगड़ी में सरस्वती पूजा की विसर्जन जुलूस में मुसलमानों द्वारा सुनियोजित तरीके से मस्जिद के पास घात लगाकर अचानक पथराव की गई थी. इस जानलेवा हमले में कई लोग गंभीर रूप से जख्मी भी हुए हैं. जिनका इलाज अब भी चल रहा है. उस घटना से हिंदू समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है. क्योंकि नगड़ी पुलिस उन उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के बजाय संरक्षण देने में लगी है. इस पर नगड़ी पुलिस की भूमिका संदिग्ध है.
इन सभी घटनाओं से लोगों का ध्यान हटाने के लिए पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर एक राष्ट्रीय व प्रखर देशभक्त हिन्दू संगठन बजरंग दल का नाम मंदिरों की मूर्ति चोरी में जोड़ा जा रहा है. इसमें एक खास जमात के मीडियाकर्मी भ्रम व झूठ परोसने में शामिल हैं. जबकि ये दोनों घटनाएं अलग-अलग हैं. जिन दो लोगों को बजरंग दल का नेता बताया जा रहा है, वे विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल के कार्यकर्ता नहीं हैं. इस तरह की घटना पर कभी भी पुष्टि नहीं ली जाती है जो की बहुत ही निंदनीय है. संगठन के कार्यकर्ता राष्ट्रीय से लेकर प्रखंड स्तर तक है और उसका कार्यालय सभी ज़िला में हैं पर बिना पुष्टि के ही इस तरह का ख़बर चला दिया जाता है.
पुलिस का काम है सत्य की तलाश करे अगर कोई कहता है कि हम बजरंग दल के कार्यकर्ता है तो इसकी पुष्टि होनी चाहिए. सवाल ये है कि कौन पुष्टि किया कि वे बजरंग दल के नेता हैं? नगड़ी पुलिस को यह समाचार की पुष्टि करनी चाहिए थी कि एक राष्ट्रीय संगठन का नाम आया तो जिले या प्रखंड के संगठन के अधिकृत दायित्ववान अधिकारियों से बात कर इसकी पुष्टि करें. इस तरह के समाचार से संगठन की साख खराब होती है और संगठन इसको बर्दाश्त नहीं करेगा इस सन्दर्भ में आगे की कार्रवाई जरूर की जाएगी. इस समाचार का विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल रांची ग्रामीण जिला निंदा करते हुए खंडन करती है और मांग करती है कि ऐसे झूठे समाचार का स्वयं खंडन निकाले अन्यथा संगठन उन पर मानहानि का मुकदमा करेगी.