Joharlive Desk
नयी दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने समाज में बढ़ते डिजिटल अंतर को खत्म करने की जरूरत पर बल देते हुए मंगलवार को कहा कि प्रत्येक बच्चे को विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध होने चाहिए।
श्री नायडू ने यहां एक पुस्तक के लोकार्पण समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल अंतर खत्म करने में निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सरकार अकेले इस समस्या से नहीं निपट सकती। निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी सस्ती करने के लिए नवाचार पर जोर देना चाहिए जिससे डिजिटल तकनीक सस्ती होगी और समाज के कमजोर वर्गों के पहुंच में भी आएगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक से सार्वभौमिक शिक्षा का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। इसके माध्यम से माध्यमिक और उच्चतर शिक्षा में भी समानता लायी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक ने संभावनाओं के व्यापक द्वार खोले है लेकिन समाज में डिजिटल असमानता भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं जिनकी पहुंच डिजिटल उपकरणों तक नहीं है। निजी क्षेत्र को नवाचार का इस्तेमाल करते हुए डिजिटल उपकरणों को आम आदमी की पहुंच में लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, ” हमें अंतर खत्म करना ही होगा।”
श्री नायडू ने कहा कि लॉकडाउन के कारण गरीब बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है। इन बच्चों की पहुंच डिजिटल तकनीक तक नहीं है। इनके पास ऑनलाइन पठन-पाठन का प्रशिक्षण भी नहीं है।