रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर (वीसी) और रजिस्ट्रार को 22 अक्टूबर को सशरीर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है. यह आदेश घंटी आधारित शिक्षिका प्रसिला सोरेन की याचिका पर सुनवाई के दौरान जारी किया गया. जस्टिस डा. एस एन पाठक की अदालत में हुई सुनवाई में प्रार्थी की ओर से बताया गया कि राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में घंटी आधारित शिक्षकों की एडहॉक नियुक्ति की जाती है. पहले भी हाईकोर्ट ने ऐसी नियुक्तियों पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. अदालत ने यह भी कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों की तुलना में कम वेतन दिया जाता है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसका परिणाम यह है कि कई छात्र और शिक्षक अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं. इस मामले में अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) से यह भी पूछा है कि शिक्षकों के कितने पद खाली हैं और कितने पद भरने के लिए JPSC ने पहल की है. इस मामले में प्रार्थी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने बहस की.