Joharlive Team
रांची। पिछड़ों को 27% आरक्षण देने, वैश्य आयोग का गठन करने, छोटे दुकानदारों-व्यवसायियों को 10 लाख रुपये तक का ऋण माफ करने और वैश्य समाज के व्यापारियों को षड़यंत्र के तहत निशाना बनाने के खिलाफ धरने का आयोजन किया गया। इसके साथ ही कई मांगों को लेकर झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा की तरफ से राजभवन के समक्ष एक दिवसीय त्राहिमाम धरना का आयोजन किया गया है। मोर्ची की ओर से अपनी मागों के समर्थन में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
कोविड-19 के मद्देनजर जारी गाइडलाइन के तहत राजभवन के समक्ष एक दिवसीय त्राहिमाम धरना का कार्यक्रम सामाजिक दूरी के तहत किया गया। इस अवसर पर वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष महेश्वर साहू ने कहा कि वैश्य समाज के लोग भी अलग राज्य की लड़ाई में शामिल थे। कईयों ने कुर्बानी दी और कई जेल भी गए हैं। लेकिन आज वैश्य समाज को अधिकार नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज का 27% आरक्षण संवैधानिक अधिकार है, जो जल्द से जल्द मिलना चाहिए नहीं तो धाराप्रवाह आंदोलन जारी रहेगा. वहीं उन्होंने कहा कि आगामी 26 दिसंबर को महासम्मेलन करने की रूपरेखा तैयार की गई है।
महेश्वर साहू ने कहा कि वैश्य मोर्चा पिछड़ों को 27% आरक्षण की मांग को लेकर लगातार आंदोलन भी करता आ रहा है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से इस पर किसी भी प्रकार का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सरकारें कई बार आईं और गईं और चुनाव में वादे भी किए, लेकिन वैश्य समाज को अभी तक 27% आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाया है।