देहरादून : उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग पर काम शुरू किया गया. इसके लिए कुछ मशीनें मंगांई गई है. जिसमें ऊपर से अधिक मात्रा में खाना और साइड से उन्हें निकाला जाएगा. बता दें कि अमेरिकी ऑगर मशीन से गत शुक्रवार दोपहर बाद ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया था. जिसके बाद से अब तक मात्र 22 मीटर ही ड्रिल हो पाया है. बताया जा रहा है कि मशीन के कंपन से सुरंग में मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है. वहीं दरारें भी आई हैं.
वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल भी सिलक्यारा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सुरंग का जायजा लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों से वस्तुस्थिति का जायजा लिया.
12 नवंबर को सुरंग में भूस्खलन के बाद एनएचआइडीसीएल और नवयुग कंस्ट्रक्शन की ओर से 40 श्रमिकों के नाम और पते प्रशासन को उपलब्ध कराए गए थे. अब सात दिन बाद यह लापरवाही सामने आई है.
एनएचआईडीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि मशीन चलने से हो रहे कंपन के कारण सतह का संतुलन बिगड़ रहा है, जिससे मलबा गिरने का खतरा है, इस कारण भी बीच में काम रोकने का निर्णय लिया गया है. दरअसल यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा से पोलगांव तक प्रस्तावित 4.5 किमी लंबी सुरंग में भूस्खलन होने से 41 मजदूर छह दिन से फंसे हुए हैं.
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