देहरादून: उत्तराखंड के विधानसभा में समान नागरिक संहिता (UCC) बिल को पास कर दिया गया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा पेश किए गए यूसीसी बिल को ध्वनि मत से पारित किया गया. जहां 80 प्रतिशत विधानसभा सदस्यों की सहमति से यह प्रस्ताव पास किया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (UCC) बिल को लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. सदन में बिल के पास होते ही भाजपा विधायकों ने जय श्री राम के नारे लगाए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी लागू करने के साथ ही उत्तराखंड इतिहास रचने जा रहा है. उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्य भी यूसीसी को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.

ये प्रावधान शामिल

बता दें कि बिल में कई तरह के प्रावधान शामिल किए हैं. जैसे की विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है. अगर रजिस्ट्रेशन न हो तो 20 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. वहीं विवाह के वक्त स्त्री की आयु 18 वर्ष और पुरुष की आयु 21 वर्ष होना अनिवार्य है. तलाक के लिए दंपति को एक साल साथ रहना होगा, उसके बाद ही वह कोर्ट जा सकते हैं. किसी भी धार्मिक प्रथा के हुई शादी के बाद तलाक लेना हो तो न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना होगा. संपत्ति को लेकर महिला और पुरुषों के बीच बराबर अधिकार होगा. इसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा. वहीं लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ो के लिए भी नियम बनाए गए हैं. उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप का वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा. रजिस्ट्रेशन न कराने पर जोड़े को छह महीने का जेल और 25 हजार का दंड या दोनों हो सकते हैं. वहीं पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी.

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