रांची : आईएमए भवन रांची में रविवार को आईएमए और झासा की संयुक्त बैठक हुई. जिसमें राज्यभर के प्राइवेट व सरकारी हॉस्पिटलों के डॉक्टर व पदाधिकारी जुटे. सभी ने एक स्वर में बायोमीट्रिक अटेंडेंस का विरोध किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस को इमरजेंसी सेवा में रखते हुए उन्हें बायोमीट्रिक अटेंडेंस से छूट दे रखा है. जबकि डॉक्टर व उनके साथ काम करने वाले हेल्थ वर्कर्स भी इमरजेंसी सेवा में आते है. इसलिए उन्हें भी अनिवार्य बायोमीट्रिक अटेंडेंस से छूट दिया जाए. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो वे लोग भी बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाएंगे. राज्यभर के डॉक्टर इसका तबतक बहिष्कार करेंगे जबतक कि सभी सरकारी विभागों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य न कर दिया जाए. इसके अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी डॉक्टरों ने अपने विचार रखे.

शिफ्ट में करते है काम

डॉक्टरों ने कहा कि सरकारी हॉस्पिटल में उनकी ड्यूटी शिफ्ट में लगाई जाती है. कई बार पूरी रात को ड्यूटी हॉस्पिटल में करते है. ऐसे में बायोमीट्रिक अटेंडेंस बना पाना उनके लिए संभव नहीं है. साथ ही कहा कि कुछ डॉक्टरों को वीआईपी मूवमेंट के दौरान ड्यूटी में लगाया जाता है. उस समय वे 24 घंटे ड्यूटी में तैनात रहते है. इस स्थिति में भी बायोमीट्रिक अटेंडेंस बनाना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस पर गंभीरता से विचार नहीं करती है तो हमलोग भी बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाएंगे. इसे लेकर सरकार से मिलकर अपनी बातों को रखा जाएगा. किसी भी दबाव में आकर हमलोग बायोमीट्रिक अटेंडेंस नहीं बनाएंगे.

ये रहे मौजूद

डॉ प्रदीप सिंह, डॉ मृत्युंजय, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अभिषेक रामदीन, डॉ रामसागर सिंह, डॉ सुमंत मिश्रा, डॉ भारती कश्यप के अलावा कई अन्य मौजूद थे.

ये हैं मांगें

  • यह समान रूप से राज्य सरकार के सभी विभागों के सभी सरकारी कर्मियों के लिए लागू नहीं हो जाता. कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग झारखंड सरकार के अधिसूचना संख्या 5637 दिनांक 2413 के अनुसार यह राज्य सरकार के सभी कर्मियों पर लागू होगा. पॉइंट नंबर 3 में सभी विभाग को अपने अधीनस्थ सभी स्थापनाओं में कार्यरत प्रत्येक कमी के द्वारा इस ऑनलाइन बायोमेट्रिक अटेंडेंस को अनिवार्य किया गया है.
  • ग्रामीण इलाकों, विशेष कर हार्ड टू रीच एवं वेरी हार्ड टू रीच जगहों पर बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था, नेटवर्क और सर्वर उपलब्ध नहीं करा दिए जाते. मुख्यमंत्री के द्वारा सभी उपायुक्त को निर्देश दिया गया है कि झारखंड मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना के क्रियान्वयन के संबंध में क्षेत्र मंव इंटरनेट कनेक्टिविटी अथवा सर्वर में आ रही समस्याओं के दृष्टि गत रखते हुए ऑफलाइन आवेदन प्रपत्र भी प्राप्त किया जाए.
  • डॉक्टर के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ के ड्यूटी आवर और ड्यूटी प्लेस तय नहीं होते.
  • सभी विभिन्न स्तर के स्वास्थ्य संस्थानों में आईपीएस नॉर्म्स के अनुसार वेकेंट पोस्ट के विरुद्ध बहाली नहीं हो जाती.
  • मुख्यमंत्री महोदय ने पुलिस विभाग को आकस्मिक सेवा मानते हुए बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से एग्जेंप्ट किया है. स्वास्थ्य विभाग को भी बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से एक्जेम्प्ट किया जाए या यह घोषणा किया जाए कि स्वास्थ्य विभाग आकस्मिक सेवा नहीं है.
    शनिवार, रविवार के अलावा केंद्र सरकार व राज्य सरकार के घोषित अवकाशों के दिन भी स्वास्थ्य विभाग में छुट्टी नहीं होती.
  • दैनिक ड्यूटी 24*7 की होती है. जबकि कार्मिक विभाग के अधिसूचना में इसे पूर्वाह्न 10:30 से अपराह्न 5:00 तक उपस्थिति दर्ज करने की बात की गई है यानी यह सिर्फ कार्यालय कर्मियों के लिए बनाई गई थी. इस आकस्मिक सेवा देने वाले विभाग में लागू नहीं होना चाहिए.
  • संगठन के द्वारा दिनांक 28 मई 2024 को प्रधान सचिव को 15 सूत्री मांगो से संबंधित मांग पत्र सौपी गयी है. विशेषकर सेवा संपुष्टि, केंद्र एवं बिहार सरकार के तर्ज पर डायनेमिक एसीपी, उसे मान नहीं ली जाती.

 

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