बोकारो : भारत बंद को लेकर बोकारो जिला में मामूली असर दिखा. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बेरमो कोयलांचल को सुबह से ही इंटक, एटक, एक्टू, सीटू के झंडे सड़क पर गाड़ दिए गए जिससे कोल ट्रास्पोर्टिंग पर असर पड़ा. हाइवा और अन्य भरी वाहनों की कतार खड़ी रही. बंद के दौरान यूनियन के लोगों ने बताया कि केंद्र सरकार की गलत फैसले के चलते आज हमलोग सड़क पर उतरे हुए हैं. देश के अन्नदाता भी आज सड़क पर हैं. पिछले वर्ष 13 महीने देश के किसान आंदोलन किए उसमें 779 किसानों की मौत हो गई थी.
जिसमें भारत सरकार द्वारा समझौता किसानों के बीच हुआ लेकिन सिर्फ सादे पेज मे रह गया, सिर्फ किसानों को मोदी सरकार ठगने का काम किया.पूर्व में 44 श्रम कानून बनाए गए थे मजदूरों के हित के लिए पर नरेन्द्र मोदी सरकार ने 4 कोड लाने का प्रयास किया है, जिसमे मजदूरों के द्वारा विरासत में मिली हुई अधिकारों को खत्म कर दीया जाएगा. सार्वजनिक उपक्रमों को जिन मजदूरों ने अपने खून पसीने से संचित और अर्जित किया था और बनाया हुआ उपक्रमों को भारत सरकार एमडीओ मोड से चलाना चाहती है, जो देश हित में नहीं है.
मौके पर यूसीडब्लूयू के केंद्रीय उपाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रसाद शर्मा, जोनल अध्यक्ष चन्द्रशेखर झा, क्षेत्रीय अध्यक्ष सुजीत कुमार घोस, आफताब आलम खान, भीम सेन सिंह, कल्याण पटेल, प्रद्युमन सोनी, बंधु गोस्वामी, सुनील रवानी, सरजू गोसाई, इंटक की क्षेत्रीय अध्यक्ष विरेन्द्र कुमार सिंह, सचिव श्यामल सरकार, सुबोध सिंह पवार, रतन निषाद, गणपत रविदास, अविनाश सिन्हा, किशुन ग्वाला, सनत, शुनिक शर्मा, अभय बारीक, किशोरी शर्मा, सीटू के भागीरथ शर्मा जिला कार्यकारी अध्यक्ष, बिएंडके सेफ्टी बोर्ड के मनोज पासवान, शिव शंकर तांती, कारो के पंकज महतो, श्याम नारायण सतनामी, श्याम बिहारी सिंह दिनकर, सुमित चौहान, विश्वजीत, एक्टू भाकामा माले के पंचानन मंडल, नारायण केवट, रूपलाल केवट, गणेश नायक, नीरंजन गुप्ता, बालेश्वर यादव, सुरेन्द्र घासी, लखन प्रसाद नायक सहित संयुक्त मोर्चा के सैंकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर बंद के लिए उतरे थे.