नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने बंगाल के 24 परगना के काकद्वीप में एक सार्वजनिक बैठक में भाषण देते हुए कहा कि देश में अगले एक सप्ताह में नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं मंच से ये गारंटी दे रहा हूं कि अगले 7 दिनों में सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में सीएए लागू होगा.
2019 में पास हुआ था कानून
दरअसल, इस कानून के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर मुस्लिमों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारत की नागरिकता दी जाएगी. बता दें कि दिसंबर 2019 में संसद से सीएए पारित किया गया था. कानून पारित होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
गृहमंत्री अमित शाह ने CAA को बताया था ‘देश का कानून’
बीते साल दिसंबर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को ‘देश का कानून’ बताते हुए कहा था कि इसके लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीएए को लेकर लोगों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया था.
अमित शाह ने कहा था, “कभी-कभी वह लोगों को गुमराह करने की कोशिश करती हैं कि देश में सीएए लागू होगा या नहीं. इस पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सीएए देश का कानून है और कोई भी इसको लागू करने से नहीं रोक सकता है. यह हमारी पार्टी की प्रतिबद्धता है.”
ममता बनर्जी ने बताया भेदभाव
गृहमंत्री के इस बयान के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि वे लोगों को विभाजित करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “पहले, नागरिकता कार्ड जिला मजिस्ट्रेटों की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब इसे केवल राजनीति के लिए छीन लिया गया है. वे लोगों को विभाजित करना चाहते हैं. वे इसे (नागरिकता) किसी को देना चाहते हैं और दूसरों को इससे वंचित करना चाहते हैं. यदि किसी (समुदाय) को नागरिकता मिल रही है तो दूसरे (समुदाय) को भी मिलनी चाहिए. यह भेदभाव गलत है.”
बंगाल ने CAA के खिलाफ पारित किया था प्रस्ताव
आलोचकों का कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करता है और संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों का उल्लंघन करता है. 2020 में बंगाल ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया और ऐसा करने वाला चौथा राज्य बन गया. ममता बनर्जी ने घोषणा की थी, “बंगाल में, हम सीएए, एनपीआर और एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे.”
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