भुवनेश्वर : ओडिशा के केंद्रीय मंत्री की नाव चिल्का झील में फंस गई. करीब 2 घंटे तक वो झील में फंसे रहे. दरअसल, केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला को ले जा रही नाव रविवार शाम करीब दो घंटे तक ओडिशा की चिल्का झील में फंसी रही. पहले संदेह था कि नाव मछुआरों द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गई होगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने बाद में स्पष्ट किया कि नीले लैगून में उन्होंने अपना रास्ता खो दिया था.
सूचना मिलते ही प्रशासन ने फिर एक अन्य नाव भेजा, जिसने केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला का रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया. नाव में उनके साथ भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा और कुछ अन्य स्थानीय पार्टी नेता भी थे. यह घटना तब हुई जब मंत्री ने खुर्दा जिले के बरकुल से अपनी यात्रा शुरू की और ब्लू लैगून के माध्यम से पुरी जिले के सातपाड़ा जा रहे थे.
मंत्री के काफिले में तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि नलबाना पक्षी अभयारण्य के पास झील के बीच में मोटर चालित नाव लगभग दो घंटे तक फंसी रही. इस बारे में केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि अंधेरा हो गया और नाव चलाने वाला आदमी रास्ते में नया था और हम रास्ता भटक गए. सतापाड़ा पहुंचने में हमें दो घंटे और लग गये. प्रशासन ने तुरंत सातपाड़ा से एक और जहाज भेजा और मंत्री और उनके सहयोगी गंतव्य तक पहुंचने के लिए उसमें सवार हो गए. रूपाला को पुरी जिले के कृष्णाप्रसाद इलाके के पास एक कार्यक्रम में शामिल होना था.