रांची: आईसीएआर के शताब्दी समारोह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि पहगले हमारे देश में जय जवान जय किसान का नारा लगा. अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान का नारा दिया. अब हमारे देश के प्रधानमंत्री ने जय अनुसंधान का नारा दिया है. आज हमारे देश को विकसित करने का जो उन्होंने प्रयास किया है वह दिख रहा है. हमारा अन्नदाता रात-दिन मेहनत करता है इसके बाद भी उसके घर में खुशहाली नहीं आती है. हमारे पीएम और केंद्रीय कृषि मंत्री इसके लिए प्रयासरत है. चाहे कोई भी फसल उगाने वाला किसान है उसे बिचौलिए से नहीं बचाया जाएगा तबतक हमारा देश विकसित राष्ट्र नहीं बन सकता.
प्लास्टिक का विकल्प है लाह: संजय सेठ
रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने कहा कि भारत माता की और वंदे मातरम से सभी को संबोधित किया. 100 साल जब संस्थान के हो रहे है. रांची में लाह, सब्जी, रागी, ज्वार ऐसे अनगिनत जैसा हरा भरा क्षेत्र दिया. लाह ऐसी चीज है जो प्लास्टिक का विकल्प है. हिंदुस्तान के अंदर जितना उत्पादन देश में होता है उसका 55 परसेंट झारखंड में होता है. उस समय जब 100 रुपए किलो बिकती थी. वहीं लाह एक्सपोर्ट कर 700-900 रुपए में कारोबारियों को बेचते थे. हमारा बिचौलिया उसमें कमाई कर रहा था. प्रधानमंत्री की ऐसी सोच है जिससे लाह से ही कई तरह के प्रोडक्ट बना रहे है. हमारे वैज्ञानिक भी इसी तरह काम कर रहे है. किसानों की आज कमाई हो रही है.
लाह की खेती से महिलाएं और बहने भी लखपति : शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रपति का झारखंड से लगाव रहा है. जब वह राज्यपाल थी तब भी जनता के लिए कार्य करती रही. आज भी उनका यहां आना सौभाग्य की बात है. मैं इस संस्थान के विजिट पर आया था. उस दिन किसी होटल की बजाय मैं इसी कैंपस में सोया था. उस दिन डायरेक्टर से चर्चा हुई थी कि संस्थान के 100 साल हो रहे है. और इसमें राष्ट्रपति आ जाए तो फिर संस्थान भी धन्य हो जाएगा. हमारे अनुरोध पर महामहिम पधारी है. लाह का इतिहास भी हजारों साल पुराना है. लाह की खेती से महिलाएं और बहने भी लखपति होगी. पीएम का सपना है कि लखपति दीदी योजना बने. दीदी भी लाह के नाम से लखपति दीदी बन रही है. इसमें कृषि विभाग कोई कसर नहीं छोड़ेगा. लाह को कृषि उत्पाद के रूप में पूरे देश में मान्यता मिल जाए इसके लिए प्रयास किया जाएगा. लाह के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भी हम काम कर रहे है. किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा तो ज्यादा से ज्यादा उत्पादन भी किया जाएगा.