Joharlive Desk

बक्सर : अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में छाए रहने वाले केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने जनता दरबार में थानेदार को वर्दी उतरवाने की धमकी दे दी। जिसके बाद अब इसपर उनकी सफाई आई है। सफाई देते हुए मंत्री का कहना है कि वह पुलिस को किसी को गुंडा कहने से रोक रहे थे।
बिहार के बक्सर में चौबे ने कहा, ‘कुछ भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं जिन्होंने 2003 में भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ प्रदर्शन किया था, उन्हें वर्तमान प्रशासन द्वारा ‘गुंडा’ कहा गया था। मैंने पुलिस कर्मी से कहा कि किसी को गुंडा कहना सही नहीं है।’
जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री चौबे ने एक थाना प्रभारी की जमकर क्लास लगाई है। एक बुजुर्ग ने जब उनसे थानेदार की शिकायत की तो मंत्री ने भरी सभा में सबसे सामने थानेदार को बुलाकर उसकी वर्दी उतरवाने की धमकी दे दी। आरोप है कि थानेदार ने बुजुर्ग को गुंडा एक्ट में फंसाने की धमकी दे रहा था।
आपकी उतर सकती है वर्दी
वीडियो में मंत्री ने शिकायतकर्ता के सामने थानेदार को बुलाकर कहा, ‘ये गुंडा दिखाई पड़ रहा है? बताइये, बताईये आप। आप एक अधिकारी हैं, दरोगा हैं किसी को भी गुंडा बता देंगे आप? किसने कहा था गुंडा का नोटिस देने के लिए? अभी बताओ, एसपी कहा था या डीजीपी? किसी को भी गुंडा बता देंगे आप? जो गुंडा है, उसकी गुंडागर्दी तो आप ठीक कर नहीं पाएंगे, जो सीधा है उसको गुंडा बता रहे हैं। नोटिस दे देते हैं। आम आदमी को नोटिस के बदले आप पर कार्रवाई कर देंगे, तो कहां जाएंगे? वर्दी उतर सकती है आपकी। समझते हैं आप। वर्दी उतर सकती है आपकी।’

केंद्रीय मंत्री जब थानेदार को खरी-खोटी सुना रहे थे उस दौरान वहां मौजूद लोग तालिया बजाते हैं जिसपर मंत्री नाराज हो जाते हैं और कहते हैं कि तालियां मत बजाइये। वहीं थानेदार चुपचाप उनकी फटकार सुनते हुए दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले चौबे ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बक्सर के एसडीएम के साथ बदतमीजी की थी। एसडीएम राजेश उपाध्याय का चुनाव आयग के आदेशानुसार काम करना मंत्री को पसंद नहीं आया और वह उनसे उलझ गए।

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