Joharlive Desk
नई दिल्ली। जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सभी राज्यों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वन उपज खरीदने की व्यवस्था करने का आग्रह करते हुए कहा है कि इससे आदिवासी समाज को कोरोना महामारी के प्रकोप से बचाने में मदद मिलेगी।
श्री मुंडा ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में कहा कि वन उपज खरीदने के लिए सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है, सभी राज्य सरकारों को अपनी नोडल एजेंसियों को ऐसी व्यवस्था करने का निर्देश देना चाहिए, जिससे आदिवासियों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, केरल, नागालैंड ,पश्चिम बंगाल, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं।
श्री मुंडा ने पत्र में कहा कि कोरोना महामारी के दौरान आदिवासी समाज संकट में पड़ सकता है। यह समय वन उपज के संग्रहण और उसे बेचने का है। राज्य सरकारों को समाज को बिचौलियों से बचाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
श्री मुंडा ने कहा कि वन उपज आदिवासियों की आजीविका का आधार है, इसलिए इसका संरक्षण हर कीमत पर किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कोरोना महामारी से आदिवासी समाज को बचाने की अपील करते हुए कहा कि आदिवासी बस्तियों और गांवों को शहरी लोगों से दूर रखना चाहिए। वन उपज खरीदते समय परस्पर सुरक्षित दूरी का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। अनधिकृत व्यक्ति को आदिवासी गांव और बस्ती में प्रवेश की अनुमति नहीं देनी चाहिए। उन्होंने राज्यों को आश्वासन देते हुए कहा कि इसके लिए आदिवासी समाज के संरक्षण और सुरक्षा के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध है और यदि राज्यों को अतिरिक्त धन चाहिए तो उसकी भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय वन-धन केंद्रों के माध्यम से आदिवासी समाज के बीच कोरोना महामारी के संबंध में जागरुकता अभियान चला रहा है।