UNGA : भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के कश्मीर पर दिए गए बयान का कड़ा विरोध किया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में कश्मीर पर दिए गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान पर भारतीय राजनयिक भाविका मंगलनंदन ने कहा कि एक ऐसा देश, जो आतंकवाद, मादक पदार्थों के व्यापार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए बदनाम है, वह भारत जैसे लोकतंत्र पर कैसे आरोप लगा सकता है.

उन्होंने शरीफ के भाषण को “घटिया” बताते हुए कहा, “दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद को अपने पड़ोसियों के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है.” उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान ने भारत की संसद, मुंबई और अन्य जगहों पर कई आतंकवादी हमले करवाए हैं, और ऐसे में पाकिस्तान के लिए हिंसा के मुद्दे पर बोलना सबसे बड़ा पाखंड है.

पाकिस्तान को चेतावनी

भाविका ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का सहारा लिया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

शहबाज शरीफ का बयान

शहबाज शरीफ ने यूएनजीए में अपने संबोधन के दौरान भारत पर आरोप लगाया कि वह अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार करने की धमकी दे रहा है. उन्होंने भारत से 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को वापस लेने की मांग की और आरोप लगाया कि भारत अपनी मुस्लिम आबादी को दबाने की कोशिश कर रहा है.

इस प्रकार, भारत ने अपने जवाब के जरिए न केवल पाकिस्तान के आरोपों को खारिज किया, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ अपनी स्थिति को भी मजबूती से प्रस्तुत किया.

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