रांचीः राजधानी रांची में बरसात में भी बिजली रानी रूठी रहती है. इसकी वजह यह है कि अंडरग्राउंड केबलिंग खुद ही भूमिगत हो गई है. वर्ष 2018 में राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू हुआ था. कहा गया था कि आंधी-पानी में भी बिजली नहीं कटेगी. शहरवासियों को 24 घंटे निर्बाध बिजली मिलेगी. लेकिन अब यह खुद भूमिगत हो गई है.

अंडरग्राउंड केबलिंग पर अब तक 410 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं

अंडरग्राउंड केबलिंग पर अब तक 410 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. जबकि पिछले साल दिसंबर में निगम की ओर से चयनित एजेंसी को जून तक अंडरग्राउंड केबलिंग पूरा करने का आदेश दिया गया था. योजना पर निगम का करोड़ों रूपये खर्च होने के बाद भी कई इलाकों में अंडरग्राउंड केबलिंग कार्य अधूरा है. सभी क्षेत्रों में कार्य संपन्न नहीं होने से कुछ तकनीकि कार्य अब भी अधूरे हैं. निगम के अधिकारियों की मानें तो अंडरग्राउंड केबलिंग व्यवस्था लागू हो जाने से लोगों को भारी बारिश में बार-बार की बिजली संकट से राहत मिलेगी. फिलहाल कार्य पूरा होने में समय लगेगा.

एयरपोर्ट, हीनू समेत अन्य इलाकों में काम बाकी

राजधानी रांची की बात करें तो, साल 2015 में 1000 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबलिंग की योजना बनायी गयी. इसके तहत 33 केवी लाइन और 11 केवी लाइन को अंडरग्राउंड किया जाना है. इसके तहत अब तक 120 किलोमीटर अंडरग्राउंड केबलिंग पूरा हुआ है. जबकि रांची जिला के लिये निगम ने 410 करोड़ रूपये अब तक खर्च भी किये है. बता दें दूसरे चरण के तहत निगम ने एजेंसी केईआई को काम दिया है. राजधानी में अब तक रातु रोड, कांके, मोरहाबादी, मेन रोड, हरमू आदि इलाकों में केबलिंग कार्य पूरा हो चुका है. जबकि एयरपोर्ट, हीनू समेत अन्य इलाकों में कार्य शेष है.

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