रांची: राजधानी के मोरहाबादी में झारखंड सहायक पुलिस के 2300 जवान अपनी मांगों को लेकर 6 दिन से आंदोलन पर हैं. रविवार को सहायक पुलिसकर्मी भूख हड़ताल पर है. सहायक पुलिसकर्मियों का कहना है कि झारखंड पुलिस की तरह ही उन्हें भी स्थाई नौकरी दी जाए. साथ ही कहा कि जब जिला पुलिस को वेतन मिलता है तो हमें भी समान काम के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अब तो उनकी नौकरी के लिए आवेदन करने की उम्र सीमा भी समाप्त हो चुकी है. सरकार से जो राशि मिल रही है उसमें घर चलाना भी मुश्किल है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो पुलिस कर्मी मौत की नींद सो गए उन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला. सहायक पुलिसकर्मियों की स्थिति काफी दयनीय हो गई है. हमलोगों ने दो बार आंदोलन किया. अगर सरकार को स्थाई नहीं करना था तो आश्वासन भी नहीं देना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार जब बदल सकती है तो नियमावली में भी बदलाव किया जा सकता है. अगर हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो आंदोलन किया जाएगा.
गुरुवार को निकले थे राजभवन घेरने
झारखंड पुलिस में समायोजन की मांग को लेकर सहायक पुलिसकर्मियों ने मुख्य रूप से आंदोलन शुरू किया है. चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में गुरुवार को सहायक पुलिसकर्मी हाथ में तिरंगा लेकर राजभवन मार्च कर रहे थे. जैसे ही इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिली तो शिबू सोरेन आवास के समीप व उपायुक्त आवास के दोनों ओर बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया गया. इसके बाद सहायक पुलिसकर्मी बैरिकेडिंग के पास बैठ कर प्रदर्शन करने लगे. वे काफी उग्र हो गए थे लेकिन डीएसपी के समझाने के बाद उन लोगों ने ऐसा नहीं किया. वहां भारी संख्या में रैपिड एक्शन पुलिस, इको, जिला पुलिस को तैनात किया गया था.