नई दिल्ली : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ग्रेजुएट छात्रों के लिए एक जॉब ओरिएंटेड कोर्स शुरू करने जा रहा है. इस पहल के तहत, विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे छात्रों को 3 या 4 साल के डिग्री कोर्स में इंडस्ट्री बेस्ड ट्रेनिंग के साथ-साथ स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाएगा.
जनवरी-फरवरी से शुरू होगा AEDP
यह कार्यक्रम, जिसे अप्रेंटिसशिप एम्बेडेड डिग्री प्रोग्राम (AEDP) कहा जाता है, जनवरी-फरवरी 2025 से शुरू होने की उम्मीद है. UGC के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों को ग्रेजुएशन के दौरान व्यावहारिक अनुभव प्रदान कर उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है.
स्टाइपेंड का मिलेगा लाभ
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) में टॉप 200 में आने वाली यूनिवर्सिटीज इस कोर्स को लॉन्च कर सकती हैं. इंडस्ट्री के साथ साझेदारी में शुरू होने वाले इस कोर्स के तहत छात्रों को स्टाइपेंड दिया जाएगा, जबकि सरकार द्वारा नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (NATS) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने पर भी स्टाइपेंड मिलेगा.
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अप्रेंटिसशिप को लेकर दिशा-निर्देश जारी
3 अक्टूबर को UGC की बैठक में इस कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई. ये दिशानिर्देश UGC की वेबसाइट पर सार्वजनिक परामर्श के लिए उपलब्ध होंगे. प्रो. कुमार ने विश्वविद्यालयों से इस कार्यक्रम से जुड़ने की अपील की है. ड्राफ्ट दिशानिर्देशों के अनुसार, अप्रेंटिसशिप दूसरे सेमेस्टर से शुरू हो सकती है, और इसे डिग्री अवधि का 50 प्रतिशत तक किया जा सकता है. ट्रेनिंग के दौरान बिताए गए घंटों के आधार पर क्रेडिट दिए जाएंगे, जिसमें नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क का भी उपयोग होगा.
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