Joharlive Team
रांची। भागलपुर में वर्ष 1989 में हुए सांप्रदायिक दंगा का मामला एक बार गर्म हो रहा है। इस मामले में दो आईपीएस अधिकारी पर गाज गिर सकता है। दोनों अधिकारी झारखंड में कार्यरत रहे है। बिहार सरकार ने भागलपुर दंगा कमीशन रिपोर्ट के दूसरे भाग की जानकारी झारखंड सरकार को भेजी थी। कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में झारखंड से सेवानिवृत हुए आईपीएस अधिकारी नवीन कुमार सिन्हा और प्रशांत कुमार कर्ण को दंगों से जुड़े एक कांड की जांच में गड़बड़ी का दोषी पाया है। वर्ष 1989 में दंगों के दौरान दोनों आईपीएस अधिकारी भागलपुर में बतौर डीएसपी तैनात थे। जबकि इस दौरान भागलपुर के एसपी के एस द्विवेदी थे। गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय को दोनों सेवानिवृत पुलिस पदाधिकारियों से 8 मई 2018 और 7 सितंबर 2018 को स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया था। लेकिन उस दौरान दोनों अधिकारियों ने अपना पक्ष पुलिस मुख्यालय को नहीं भेजा था। ऐसे में अब झारखंड पुलिस के आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने नए सिरे से दोनों अधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछा है।
एक सप्ताह के अंदर देना होगा दोनों अधिकारी को जवाब
आईजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह ने दोनों सेवानिवृत आईपीएस अधिकारियों से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। अगर दोनों अधिकारी एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो यह माना जाएगा कि उन्हें स्पष्टीकरण के विरुद्ध कुछ नहीं कहना है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय की तरफ से आगे की कार्रवाई की जाएगी।