रांची : रांची में जमीन की हेरा-फेरी के मामले में गिरफ्तार कमलेश कुमार पर करोड़ों रुपये का अवैध लेन-देन करने का आरोप लगा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएमएलए कोर्ट में दायर आरोपपत्र में खुलासा किया है कि कमलेश कुमार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की अवैध खरीद-बिक्री की और इस प्रक्रिया में दो अंचल अधिकारियों से मदद ली. इन अधिकारियों को मोटी रकम घूस के रूप में दी गई, जिससे अवैध लेन-देन हुआ.
क्या है पूरा मामला?
कमलेश कुमार ने कांके अंचल के मौजा चामा में 43 एकड़ से अधिक जमीन की खरीद-बिक्री के लिए फर्जी नीलाम पत्रों का इस्तेमाल किया और कागजातों में गड़बड़ी की. इसके साथ ही उसने झारभूमि में भी गलत तरीके से इंट्री करवाई. इसके एवज में कमलेश ने कांके के पूर्व सीओ दिवाकर प्रसाद द्विवेदी और वर्तमान सीओ जयकुमार राम से मदद ली. इन अधिकारियों ने कागजातों में छेड़छाड़ की और गलत तरीके से जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट किया.
अंचल अधिकारियों को दी करोड़ों की घूस
आरोपपत्र के अनुसार, कमलेश ने दिवाकर द्विवेदी को किस्तों में 3.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया. इसमें से 20 लाख रुपये की पहली किस्त रांची के पूर्व सब रजिस्ट्रार राहुल चौबे के आवास पर दी गई थी. इसके बाद 60 लाख रुपये की दूसरी किस्त और 1.5 करोड़ रुपये की तीसरी किस्त भी अलग-अलग स्थानों पर दी गई. इन पैसों की गिनती दिविवाकर के डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रवीण कुमार जायसवाल ने कमलेश के फ्लैट पर की थी.
अंचल अधिकारियों की मिलीभगत
आरोपपत्र में यह भी कहा गया है कि कांके सीओ जयकुमार राम और दिवाकर द्विवेदी ने मिलकर कई झारभूमि इंट्रियां डिलीट कीं और जमीन के कागजातों में छेड़छाड़ की. इसके साथ ही, पंजी-2 में भी गड़बड़ी की गई और कागजों के पन्ने फाड़े गए. कमलेश ने रिकार्ड रूम के कागजातों के साथ भी छेड़छाड़ की और अधिकारियों की मदद से अवैध जमीन की हेराफेरी की.
ईडी की कार्रवाई जारी
ईडी ने इस मामले में कमलेश कुमार समेत कुल छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है. इनमें दिवाकर द्विवेदी (वर्तमान में धनबाद के डीटीओ), जयकुमार राम (कांके सीओ), कमलेश का सहयोगी अमरेंद्र कुमार दुबे, अरविंद कुमार साहू, और रेखा देवी शामिल हैं. ईडी द्वारा की जा रही जांच में यह सामने आया है कि यह मामला जमीन के अवैध लेन-देन और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत का है. ईडी ने कोर्ट से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि वे जल्द ही मामले में अगली कार्रवाई करेंगे.