गिरिडीहः अभ्रक के इलीगल माइंस धंसान की घटना में दो लोगों की मौत हुई है. यहां चार मजदूर जख्मी हैं, जिनका इलाज चल रहा है. ईटीवी भारत की टीम घटनास्थल पर पहुंची और पूरी जानकारी ली है. गिरिडीह जिला मुख्यालय से लगभग 100 किमी दूरी पर स्थित गावां थाना क्षेत्र के मुड़गढ़वा जंगल में अवैध तरीके से अभ्रक खनन के दौरान हुए हादसे में दो लोगों की मौत हुई है और चार मजदूर जख्मी हुए हैं. जिन लोगों की मौत हुई हैं उनमें तिसरी थाना इलाके के रांगामाटी निवासी शुकर हांसदा (35 वर्ष, पिता रेवत हांसदा) और इसी गांव के सावना हांसदा (30 वर्ष, पिता बुधन हांसदा) जबकि घायलों में ननकी देवी (32 वर्ष), गुलो राय (45 वर्ष), आरती देवी और एक नाबालिग भी बताया जा रहा है. इस घटना के बाद पूरे मामले की जानकारी लेने ईटीवी की टीम घटनास्थल पर पहुंची. घटना के प्रत्यक्षदर्शी मजदूर ने बताया कि धरवे के मुड़गढ़वा में संचालित इस अवैध माइंस में हर रोज तीन दर्जन से अधिक मजदूर काम करते हैं. सोमवार को भी यहां 35-40 मजदूर काम कर रहे थे. जबकि बगल के जेसीबी लगाकर खुदाई का काम चल रहा था.
इसी दौरान अचानक ऊपर से मिट्टी धंस गई और आधा दर्जन मजदूर दब गए. दोपहर की इस घटना के बाद वहां भगदड़ मच गई. वहीं कुछ मजदूर दबे हुए साथियों को निकालने में जुट गए. सभी छह लोगों को निकाला गया लेकिन शुकर और सावना ने दम तोड़ दिया. वहीं घायलों को लेकर माफिया फरार हो गए. घटना को लेकर मजदूर ने बताया कि यहां पर पूरी प्लानिंग के साथ अवैध खनन किया जा रहा था. खनन का यह सारा काम बिनोद यादव, सिकंदर यादव व अन्य की देखरेख में चल रहा था. उन्होंने कहा कि जेसीबी से भी खनन का कार्य चलता है. वहीं मजदूरों को मामूली रकम ही हाथ लगती है. दूसरी तरफ इस घटना की सूचना पर खोरी महुआ के एसडीओ धीरेंद्र कुमार सिंह, एसडीपीओ मुकेश महतो, थाना प्रभारी पिंटू कुमार के साथ वन विभाग के कर्मी भी पहुंचे. मौके से दोनों मृतकों के शव को जब्त किया गया और पूरी घटना की जानकारी ली गई. अधिकारियों ने बताया कि घटना वन क्षेत्र में घटी है. इस खनन में जो लोग भी शामिल हैं सभी को गिरफ्तार किया जाएगा.