Joharlive Desk
नई दिल्ली। बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की वजह से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी और जमा समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित हुईं। बैंक कर्मचारियों के संगठन वेतन वृद्धि की मांग को लेकर 31 जनवरी से दो दिन की हड़ताल पर हैं। हालांकि, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंक खुले हैं।
भारतीय स्टेट बैंक समेत विभिन्न बैंकों ने अपने ग्राहकों को पहले ही सूचित कर दिया है कि हड़ताल की वजह से बैंकिंग सेवाओं पर कुछ असर पड़ सकता है। बैंककर्मियों की हड़ताल से नकदी जमा और निकासी, चेक क्लीरेंस और कर्ज वितरण जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने कहा है कि 31 जनवरी और एक फरवरी को बैंकों में हड़ताल रहेगी। वहीं मार्च में 11,12 और 13 तारीख को भी हड़ताल रहेगी। बैंक यूनियन ने एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी घोषणा की है।
दिल्ली प्रदेश बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव अश्वनी राणा ने बताया कि इंडियन बैंक एसोसिएशन ने वेतन में 12.5 फीसदी वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है, जो कि मंजूर नहीं है। इसलिए देश भर के सभी सरकारी बैंकों में कार्यरत कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इससे बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ सकता है।
बैंक यूनियन की यह है मांग
- बैंक यूनियनों की मांग है कि वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए।
- बैंकों में पांच दिन का कार्यदिवस हो।
- बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो।
- एनपीएस को खत्म किया जाए।
- पेंशन का अपडेशन हो।
- परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार।
- स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटना।
- रिटायर होने पर मिलने वाले लाभ को आयकर से बाहर करना।
- शाखाओं में कार्यों के घंटे और लंच समय का सही से बटवारा।
- अधिकारियों के लिए बैंक में कार्य के घंटे का नियमतिकरण।
- कांट्रैक्ट और बिजनेस कॉरेस्पॉन्डेंट के लिए समान वेतन।