रांचीः बरियातू इलाके में रहने वाले गैस चूल्हे के कारोबारी प्रीतम कुमार सिंह की हत्या की साजिश रांची जेल में रची गई थी. हालांकि प्रीतम सिंह की किस्मत अच्छी थी. दो गोली लगने के बावजूद उनकी जान बच गई. हमले की पूरी साजिश रांची के शातिर अपराधी राज वर्मा ने रांची जेल में बैठकर ही रची थी. रांची पुलिस ने इस मामले में कामयाबी हासिल करते हुए दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. प्रीतम सिंह पर हमले के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए रांची के सीनियर एसपी के द्वारा सदर डीएसपी, बरियातू थानेदार और टेक सेल की टीम को जिम्मेवारी दी गई थी.
टेक्निकल सेल और मानव इनपुट के आधार जब पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी तब गोलीबारी के साजिश के तार रांची जेल से जुड़ने लगे. क्योंकि पुलिस के हाथ जो भी सबूत लग रहे थे, वह जेल की तरफ इशारा कर रहे थे. इसी बीच बरियातू थानेदार ज्ञानरंजन को यह जानकारी मिली कि गोलीबारी के लिए अपराधियों ने जिस बाइक का इस्तेमाल किया था वह बरियातू थाना क्षेत्र के रहने वाले दीपक सिंह की है.
जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए सबसे पहले दीपक को धर दबोचा गया. दीपक की निशानदेही पर चुटिया इलाके से वैभव कुमार सिंह उर्फ सन्नी को दबोचा गया. पुलिस की पूछताछ में वैभव और दीपक सिंह ने स्वीकार किया है कि जेल में बंद कुख्यात अपराधी राज वर्मा ने ही प्रीतम सिंह की हत्या करने का आदेश दिया था. पूछताछ में दोनों अपराधियों ने यह बताया है कि राज वर्मा जमीन विवाद और कुछ दूसरी वजह से प्रीतम सिंह से नाराज चल रहा था. इसी वजह से उसने जेल में बैठे बैठे ही उसकी हत्या की साजिश रची थी.