रांची : ‘कैप्टन कूल’ एमएस धोनी के साथ 15 करोड़ रुपये की हुई धोखाधड़ी मामले में नया ट्वीस्ट सामने आया है. मामले को लेकर धोनी के दोस्त रहे मिहिर दिवाकर का भी बयान सामने आया है. मिहिर ने बताया कि उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की है. बताते चलें कि तमिलनाडु में उनके खिलाफ 5 शिकायतें और समन लंबित हैं. लेकिन मिहिर अपनी हेल्थ का हवाला देकर वह एक बार भी नहीं पहुंचे. मिहिर दिवाकर के खिलाफ श्रद्धा ग्लोबल एजुकेशनल ट्रस्ट ने भी लिखित शिकायत दर्ज कराई है. इसमें बताया है कि मिहिर ने बिना किसी अधिकार के धोनी की ओर से एक समझौता किया था. उन्होंने धोनी के Logo और सपोर्ट के साथ एक नए स्कूल उद्यम के लिए 35 लाख रुपये की राशि निकाली थी. मगर इन सभी मामलों में श्रद्धा ग्लोबल एजुकेशनल ट्रस्ट को सारी सच्चाई पता चल गई. यही वजह रही है कि ट्रस्ट ने उनके खिलाफ तमिलनाडु में शिकायत दर्ज कराई है. धोनी के दोस्त और एक करीबी सूत्र ने खुलासा किया है कि दिवाकर ने धोनी की छवि को खराब और धूमिल किया है. उन्हें हिम्मत दिखाकर इस मामले में जवाब देने के लिए रांची कोर्ट आना चाहिए.
क्या है मामला
दिवाकर ने कथित तौर पर विश्व स्तर पर एक क्रिकेट अकादमी स्थापित करने के लिए 2017 में धोनी के साथ एक समझौता किया था. हालांकि, दिवाकर समझौते की शर्तों का पालन नहीं कर पाए. समझौते की शर्तों के अनुसार अरका स्पोर्ट्स फ्रेंचाइजी शुल्क का भुगतान करने और लाभ साझा करने के लिए बाध्य था, जबकि ऐसा नहीं किया गया.
धोनी की तरफ से इस समझौते को बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए गए. हालांकि, अरका स्पोर्ट्स फ्रेंचाइजी की तरफ से लगातार समझौते में निर्दिष्ट नियमों और शर्तों की अवहेलना की गई. इस वजह से धोनी ने 15 अगस्त, 2021 को अरका स्पोर्ट्स को दिया गया अधिकार पत्र रद्द कर दिया और कई कानूनी नोटिस भेजे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. विधि एसोसिएट्स के माध्यम से एमएस धोनी का प्रतिनिधित्व करने वाले दयानंद सिंह ने दावा किया है कि अरका स्पोर्ट्स ने उन्हें धोखा दिया, जिसके कारण धोनी को 15 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.
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