धनबाद: जिला में वृहत झारखंड कला संस्कृति मंच ने डहरे टुसू कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें लाखों की संख्या में विभिन्न जिलों से लोग शामिल हुए. टुसू परब गांव से निकलकर आज दूसरी बार धनबाद शहर के बीचों बीच मनाया गया. बता दें कि नई धान के फसल तैयार हो जाने के बाद झारखंडी संस्कृति में टुसू परब मनाया जाता है. इस त्यौहार में तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं जो धान से तैयार होते है. इस दौरान युवाओं ने झारखंडी झांकी एवं झारखंड से जुड़े सांस्कृतिक नृत्य का प्रदर्शन किया.
लाखों लोग हुए शामिल
टुसु परब में शामिल लोगों ने कहा कि झारखंड की संस्कृति का यह परब है. इसे यहां के लोग धीरे धीरे भूल रहे है. लोगों ने कहा कि झारखंडी परब को लेकर आज के युवाओं को जागरूक करने के साथ संस्कृति से अवगत कराने का काम किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में झारखंड के विभिन्न जिलों से लाखों लोग शामिल हुए. वहीं एक युवक 1932 का पोस्टर लेकर पहुंचा. युवक ने कहा कि झारखंडी की पहचान, 1932 खतियान. यही संदेश सभी को बताने का काम कर रहे हैं.
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