रांची। राज्य को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए डीजीपी नीरज सिन्हा एवं आईजी रांची पंकज कंबोज के नेतृत्व में झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ, झारखंड जगुआर और कोबरा बटालियन की टीम नक्सली संगठनों के खिलाफ लगातार कार्रवाई में जुटी है। रांची पुलिस को इसी क्रम में टीएसपीसी संगठन के खिलाफ बड़ी सफलता हांथ लगी है। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा की टीम ने सदर थाना क्षेत्र के डेलाटोली से 10 लाख के इनामी टीएसपीसी के जोनल कमांडर भीखन गंझू और उसके सहयोगी राहुल कुमार मुंडा को गिरफ्तार की है। उक्त जानकारी एसएसपी सुरेन्द्र कुमार झा ने आज प्रेसवार्ता में दी।
उन्होंने कहा कि 17 मार्च को शाम 6.30 बजे गुप्त सूचना मिली कि जोनल कमांडर भीखन गंझू लेवी का पैसा वसूलने सदर थाना क्षेत्र में आया है। जिसके बाद सिटी एसपी सौरभ के नेतृत्व में सदर थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो के साथ एसएसपी की क्यूआरटी ने इलाके को घेराबंदी की। जिसके बाद पुलिस टीम ने भीखन गंझू को गिरफ्तार कर लिया। जांच में क्रम में भीखन गंझू के पास से 12 लाख नगद, 7 मोबाइल, 2 राऊटर, मध्य सब जोनल कमेटी तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति का 6 लेटर पैड, लैपटॉप डेल कंपनी का एक, पैन कार्ड एक, आधार कार्ड राहुल मुंडा का एक, डेबिट कार्ड 5, चेक बुक एवं पासबुक बैंक ऑफ इंडिया आईसीआईसीआई बैंक, यूनियन बैंक और एक स्कूटी मिला है।
दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं जोनल कमांडर भीखन गंजू पर
10 लाख के इनामी टीएसपीसी के जोनल कमांडर भीखन गंजू पर दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज है। सबसे ज्यादा मामले चतरा में दर्ज है। वही पार्टी में रहते हुए जिन बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है, उसमें निम्न कांड शामिल है। सबसे पहले वर्ष 2002 में माओवादी में रहते हुए एचएमटी कॉलोनी खलारी में लेवी के लिए पेटी कांट्रेक्टर की हत्या, दूसरा वर्ष 2007 में चोरी कोलियरी के कर्मचारी से मारपीट कर विस्फोटक लूटने की घटना, तीसरा वर्ष 2015 में विजय राजेंद्र राम की हत्या, फिर वर्ष 2017 में करमटांड़ जंगल में प्रदीप महतो की हत्या, वर्ष 2017 में बीजीआर कंपनी अम्रपाली प्रोजेक्ट के कार्यों को विस्फोटक लगाकर उड़ा देना, वर्ष 2018 में मैडमगड्ढा थाना पत्थलगड़ा में पुलिस मुखबिरी करने के कारण नागेश्वर गंजू की हत्या, वर्ष 2020 में मदन प्रसाद साहू की हत्या, वर्ष 2021 में नरेश गंजू की हत्या और सितंबर 2021 में बबलू मुंडा की हत्या की साजिश शामिल है।