रांची: राजधानी रांची में एक युवक के अपहरण की सूचना ने पुलिस महकमे में हलचल मचा दी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र एक घंटे में अपहरणकर्ताओं का अड्डा खोज निकाला, लेकिन मौके पर जो स्थिति मिली, वह चौंकाने वाली थी. अपहरण का शिकार बताए गए युवक, आदर्श मंडल, भी खुद साइबर अपराधियों का साथी निकला.
साहिबगंज से एक व्यक्ति ने रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा को फोन किया और बताया कि उनका भांजा आदर्श मंडल का रांची के लालपुर इलाके से अपहरण कर लिया गया है, और 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी जा रही है. इस सूचना पर एसपी ने सिटी एसपी राजकुमार मेहता के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिसमें सिटी डीएसपी रमन और अन्य थानेदार शामिल थे.
एक घंटे में मिली सफलता
पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और टेक्निकल सेल से मिले इनपुट के आधार पर आदर्श को रांची के पी एन बोस कम्पाउंड स्थित एक घर से बरामद किया. लेकिन जब पुलिस ने आदर्श को देखा, तो यह स्पष्ट था कि उसका अपहरण नहीं हुआ था. जब पुलिस वहां पहुंची, तो आदर्श आरोपियों के साथ बैठकर शराब पी रहा था. जांच में पता चला कि उसने शराब के नशे में अपहरण की झूठी कहानी रची थी. रांची एसएसपी ने बताया कि आदर्श का अपहरण हुआ ही नहीं था. मौके पर मौजूद सभी संदिग्धों के मोबाइल की जांच में खुलासा हुआ कि आदर्श और उसके पांच साथी शातिर साइबर अपराधी थे. इसके बाद पुलिस ने सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह साइबर ठगी में लिप्त था. गिरफ्तार व्यक्तियों के मोबाइल से ठगी के लिए किए गए ट्रांजैक्शन के सबूत मिले हैं. एसएसपी ने यह भी बताया कि गिरोह के तार राजस्थान से जुड़े हुए हैं और इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है. गिरफ्तार किए गए लोगों में आदर्श, शशांक उर्फ विक्की, परमेश्वर गोप, कार्तिक धीर, अनिल प्रसाद, और गुड्डू कुमार शामिल हैं. विशेष रूप से, परमेश्वर गोप एक कुख्यात अपराधी है, जिसके खिलाफ 32 मामलों में केस दर्ज हैं.