धनबाद: एशिया का सबसे बड़ा खान हादसा 27 दिसम्बर 1975 को घटित हुआ था. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) कोलयरी डिविजन की चासनाला कोलियरी के डीप माइंस खान में 27 दिसंबर 1975 को दिल दहला देने वाली घटना घटी थी. जिसमे 375 मजदूरो की मौत जलसमाधि में हो गई थी. हादसे की 49वीं बरसी के मौके पर मजदूरों के परिजनों, सेल प्रबंधन, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, सिन्दरी विधायक पत्नी तारा देवी, भाजपा वरिष्ठ नेता गणेश मिश्र सहित अन्य ने मृतकों को श्रद्धांजलि दी. इस खान दुर्घटना के बाद कई मां की गोद सुनी हो गयीं थी, वहीं कई सुहागिनों की मांग का सिंदूर उजड़ गया था. कई बहनों का भाई शहीद हो गये थे तो कइयों के सिर से पिता का साया पल भर में ही उठ गया था. चासनाला खान हादसे को तस्वीरों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. जो उस समय के दर्दनाक दृश्य को दिखा रहा है. जिसे देख हर कोई विचलित हो गया.

अधिकारियों की लापरवाही के वजह से हुई थी घटना

बता दें कि चासनाला खान में जलप्लावन की घटना हुई थी. बाद में जांच में सामने आया था की दुर्घटना खदान के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा था. खदान में रिसनेवाले पानी को जमा करने को यहां एक बांध बनाया गया था. हिदायत भी दी गई थी की बांध के 60 मीटर की परिधि में ब्लास्ट ना की जाए, परंतु अधिकारियों ने कोयला उत्पादन के चक्कर में इन निशानों को नजरअंदाज कर दिया और हैवी ब्लास्ट कर दी. इस कारण 375 खनिकों की मौत हो गई थी.

विधायक ने दी मजदूरों को श्रद्धांजलि

वहीं खान हादसे शिकार मजदूरो को श्रद्धांजलि देने पहुंची विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह व विधायक पत्नी तारा देवी ने कहा कि चासनाला खान हादसा बहुत दुःखद है. जिसमे 375 मजदूर की मौत हो गई थी.  सभी को श्रद्धांजलि. यह खनन क्षेत्र के लिए काला दिन है. यह प्रबंधन को सबक देती है. वहीं सेल अधिकारी ने कहा हादसे में मृत सभी मजदूरो को श्रद्धांजलि है. उनके परिजनों को भगवान हमेसा खुश रखे. सेल आज जो कुछ भी है, मजदूरों के कारण है. सभी के आत्मा को भगवान शांति प्रदान करे.

ये भी पढ़ें: राष्ट्रीय पार्टियों के लोग दिल्ली से सरकार चलाते हैं : एनोस एक्का

Share.
Exit mobile version