रांची : मणिपुर की घटना और यूसीसी के विरोध में देशभर के आदिवासी समाज के लोग छह अक्टूबर को दिल्ली में जुटेंगे. इस मसले पर करमटोली के धुमकुड़िया भवन में आदिवासी समन्वय समिति ने प्रेस कांफ्रेस किया. समिति के देवकुमार धान ने बताया कि अगर ये कानून लागू हुआ तो आदिवासियों की प्रथाएं समाप्त हो जाएंगी. सीएनटी-एसपीटी भी खत्म हो जाएगा. प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए आदिवासी समाज की ओर से आंदोलन किया जा रहा है. आज भी आदिवासी समाज के लोग दतुवन बेचकर परिवार चला रहे हैं. कुर्मी और आदिवासियों को लड़वाकर विभिन्न दलों के नेता राजनीति कर रहे हैं. प्रेस कान्फ्रेंस में दिल्ली में होने वाले विरोध प्रदर्शन की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई. साथ ही मणिपुर हिंसा को लेकर भी विरोध जताया गया. कहा कि वहां के मुख्यमंत्री को अब तक हटाया नहीं गया है.