Joharlive Team
राँची।झारखण्ड में सरना कोड को लेकर राज्य के हाईवे, जिले एवं शहर के इंट्री प्वाइंट को जाम किया गया।जनगणना फाॅर्म में सरना धर्म कोड की मांग पर केंद्रीय सरना समिति समेत आदिवासी संगठनों ने गुरुवार को सड़क पर निकल आए। लोगों ने राज्यव्यापी चक्का जाम किया। बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद है।हालांकि प्रेस, दूध, एंबुलेंस और स्कूल बस समेत आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया है।राँची, गुमला समेत पूरे राज्य के हाईवे, जिले और शहर के इंट्री प्वाइंट को जाम किया गया। वहीं, राँची के अलबर्ट एक्का चौक में बुधवार की शाम मशाल जुलूस भी निकाला गया था।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि मानसून सत्र में आदिवासी धर्म कोड बिल पारित नहीं करना राजनीतिक षडयंत्र है। मालूम हो कि इस मामले को लेकर लंबे वर्षों से झारखंड सहित पूरे देश में संघर्ष जारी है। यह भी बताते चलें कि धर्म कोड को जनगणना फोरम में शामिल करने या ना करने का अधिकार भारत सरकार की अनुशंसा पर रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया करती है।
12 करोड़ से अधिक निवास करने वाले प्राकृतिक पूजक आदिवासियों का धर्म कोड नहीं है। आदिवासी संगठनों का कहना है कि अपना धर्म कोड नहीं होने के कारण 10 वर्ष में जब जनगणना होती है तो प्रकृति आदिवासियों की गणना या तो ईसाई धर्म में कर दी जा रही है या हिंदू में या अन्य में,इससे आदिवासियों की संख्या हर 10 साल में बढ़ने की बजाय घटती जा रही है।