रांची : राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सदर में प्रबंधन व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगा है. विवादों के बीच भी मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है. अब इस कड़ी में मरीजों के लिए टोकन मैनेजमेंट सिस्टम की शुरुआत की गई है. जिसका ट्रायल भी चल रहा है. सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ दिनों में यह सिस्टम पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा. लेकिन राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में यह व्यवस्था आजतक शुरू नहीं हो पाई है. यूं कहे तो इसे लेकर कोई योजना भी नहीं बनाई गई है. जबकि वहां पर सदर हॉस्पिटल की तुलना में 4 गुना अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचते है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल सदर मरीजों के हित में कदम उठा सकता है तो फिर रिम्स क्यों नहीं?

रिम्स में आते है हर दिन 3 हजार मरीज

बिहार-झारखंड के अलावा बंगाल और ओड़िशा के मरीज भी रिम्स में इलाज के लिए पहुंचते है. ओपीडी में हर दिन 2500 मरीज आते है. वहीं इमरजेंसी भी 500 मरीज पहुंचते है. जहां मरीजों को इलाज के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है. वहीं बैठने की प्रापर व्यवस्था भी नहीं है. जिससे मरीज थक भी जाते है. वहीं सदर हॉस्पिटल की बात करें तो 1200 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे है.

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