रांची। झारखंड के प्राइवेट हॉस्पिटल्स में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज पूरी तरह बंद होने की नौबत आ गई है। इस योजना के तहत राज्य के दर्जनों हॉस्पिटल का सरकार के पास पिछले कई महीनों से करोड़ों रुपए का बकाया है। इस वजह से राज्य के गिरिडीह, धनबाद, गढ़वा और गोड्डा जिले में प्राइवेट हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना के कार्डधारकों का निशुल्क इलाज पहले ही बंद कर दिया गया है। अन्य जिलों में भी मई महीने से यही स्थिति होगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की झारखंड इकाई और प्राइवेट हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ने सरकार के नाम बकायदा इश्तेहार जारी कर पहले ही अल्टीमेटम दिया है कि उन्हें बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। ऐसे में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज संभव नहीं हो पाएगा।

दरअसल इस योजना के तहत मरीजों के इलाज पर होने वाले खर्च का भुगतान इंश्योरेंस कंपनियां सरकार के साथ हुए करार के आधार पर करती हैं। झारखंड में इंश्योरेंस कंपनी के साथ सरकार का यह करार 22 सितंबर 2021 को ही खत्म हो गया। इससे राज्य में आयुष्मान योजना के 57 लाख लाभुक परिवारों की पॉलिसी लैप्स हो गयी। हालांकि बाद में इसे फरवरी 22 तक एक्सटेंशन मिला, लेकिन इस अवधि के प्रीमियम के लगभग दो सौ करोड़ का भुगतान नहीं हो पाया। इस वजह से इस अवधि के दौरान प्राइवेट हॉस्पिटल्स में जिन मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज हुआ, उसके एवज में इंश्योरेंस कंपनियों ने भुगतान नहीं किया।

प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन ने कहा है कि बकाया का भुगतान नहीं होने से हॉस्पिटल की हालत खराब है और ऐसे में मरीजों का इलाज जारी रखना मुश्किल है।

Share.
Exit mobile version