नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के बीदर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ नाटक का मंचन करने वाले स्कूल, शिक्षक और नाटक में भाग लेने वाली बच्ची की मां के खिलाफ दर्ज देशद्रोह का मामला रद्द करने की मांग शुक्रवार को खारिज कर दी।

सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना की याचिका में इस क़ानून के दुरूपयोग से निपटने के लिए मैकेनिज्म बनाये की मांग भी की गयी थी।

याचिकाकर्ता का कहना था कि देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मंजूरी का अधिकार एक कमेटी को दिया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को कहा कि वह इस मामले में प्रभावित पक्ष नहीं है।

न्यायमूर्ति खानविलकर ने याचिकाकर्ता की और से याचिका दायर करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘प्रभावित पक्ष को आने दीजिए।’

वार्ता

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