हजारीबाग : हजारीबाग में जिला विधिक सेवा प्राधीकरण द्वारा सिविल कोर्ट परिसर में एक प्रशिक्षण सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार की देखरेख में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न थानों के अनुसंधानकर्ताओं और आरक्षियों ने भाग लिया. इसके साथ ही सीडब्ल्यूसी, एलएडीसी, अभियोजन के सदस्य, और मध्यस्थ भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे.
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से कानून की विभिन्न बारीकियों से सभी को अवगत कराया गया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार ने इस अवसर पर अनुसंधानकर्ताओं और अन्य हितधारकों को विधि सम्मत कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने विशेष रूप से पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िताओं से मित्रवत व्यवहार करने और उन्हें प्राथमिकता के तौर पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही.
पॉक्सो एक्ट और चार्जशीट जमा करने के विषये में जानकारी दी कि
इस प्रशिक्षण के दौरान, अनुसंधानकर्ताओं ने जांच प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं को साझा किया, जिनका समाधान उन्हें विशेषज्ञों से प्राप्त हुआ. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव गौरव खुराना और न्यायिक दंडाधिकारी जूही कुमारी ने कार्यक्रम का संचालन किया. इसके अलावा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशाल कुमार ने अनुसंधानकर्ताओं को पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़िता का बयान, मेडिकल परीक्षण और चार्जशीट जमा करने की प्रक्रियाओं से अवगत कराया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम दीपक कुमार मल्लिक ने मोटर यान दुर्घटना से जुड़े नए कानून और समय सीमा के बारे में अनुसंधानकर्ताओं को जानकारी दी.
नवनीश चंद्र प्रसाद ने कहा कि
अधिवक्ता नवनीश चंद्र प्रसाद ने महिलाओं से संबंधित कानूनों पर प्रकाश डाला, जबकि विशेष लोक अभियोजक रमेश कुमार ने एनडीपीएस कानून और अनुसंधान की बारीकियों पर चर्चा की. इस अवसर पर एडिशनल एसपी अमित कुमार ने एनडीपीएस कानून के तहत सामानों की जब्ती, अभियुक्त की गिरफ्तारी और सामानों को सील करने की प्रक्रिया को विस्तार से बताया. इस कार्यक्रम से अनुसंधानकर्ताओं को कई महत्वपूर्ण कानूनी जानकारियाँ मिलीं, जो उनके कार्यों में मददगार साबित होंगी.
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