कुएं में गिरे बछड़े को निकालने के दौरान हुआ हादसा

सिल्ली (रांची) : सिल्ली प्रखंड के पिस्का गांव में दर्दनाक हादसा हुआ है। यहां गुरुवार को एक कुएं के धंस जाने से सात लोग मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गये। ग्रामीणों के प्रयास से 2 लोगों को घायल अवस्था में निकाला गया, इनमें से गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि, दो व्यक्तियों को मृत अवस्था में बाहर निकाला गया। साथ ही साथ एक बछड़े के शव को भी बाहर निकाला गया। इधर, हादसे की सूचना मिलने के बाद रांची से एनडीआरएफ की टीम देर शाम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। इस दर्दनाक हादसे पर मुख्यीमंत्री हेमंत सोरेन ने शोक जताया है। बताया जाता है  कि 5 लोगों की मौत हो गई है।

सीएम ने जताया शोक

सिल्ली में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा कि सिल्ली के मुरी क्षेत्र स्थित पिस्का गांव में हुए हादसे से मन व्यथित है। परमात्मा दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवारजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दे।

देर रात सुदेश महतो घटनास्थल पर पहुंचे

सिल्ली के बीडीओ समेत मुरी व सिल्ली पुलिस की मौजूदगी में एनडीआरएफ की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है। तब तक 3 लोग कुएं में ही मिट्टी और पत्थर के नीचे दबे हुए थे। तेज बारिश के कारण टीम को कुएं में दबे लोगों को निकालने में परेशानी हो रही थी। हादसे की सूचना पाकर विधायक सुदेश महतो भी देर रात घटनास्थल पर पहुंच चुके थे।

कुएं में गिरे बछड़े को बचाने उतरे थे सात लोग

दोपहर 3:00 बजे आनंद मांझी का बछड़ा घोलटू मांझी के कुएं में गिर गया था। उसे निकालने के लिए गांव के सात लोग- भगीरथ मांझी, मंटू मांझी, विष्णु चरण मांझी, रमेशचंद्र मांझी, बहादुर मांझी, गुरुपद मांझी, टेंपू मांझी कुएं में उतरे थे। जबकि, सुरेंद्र दास कुएं के किनारे खड़ा होकर उन लोगों का सहयोग कर रहा था। इसी दौरान कुएं की ऊपरी सतह की मिट्टी धंस गयी।

मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गये सात लोग

कुएं के किनारे रखा पत्थर का पाट भी कुएं में जा गिरा। हादसे में बछड़ा और उसे बचाने के लिए कुएं में उतरे सभी सात लोग मिट्टी और पत्थर के नीचे दब गये। कुएं के किनारे खड़ा सुरेंद्र दास भी फिसल कर मिट्टी की ऊपरी सतह में फंस गया। ऊपर होने की वजह से वह खुद कोशिश करते हुए किसी तरह कुएं से निकलने में सफल रहा। इधर, हादसे की सूचना मिलते ही गांव के लोग दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे। साथ ही पुलिस को हादसे की सूचना दी गयी।

हिंडालको की रेस्क्यू टीम ने किया बचाव कार्य

कुआं धंसने के बाद विधायक और हिंडालको की ओर से तीन जेसीबी व हाइड्रा मंगाये गये, लेकिन मिट्टी और पत्थर के नीचे दबे लोगों को निकालने का कोई जुगाड़ कामयाब नहीं हो रहा था। हिंडालको की रेस्क्यू टीम को रात 8:00 बजे तक किसी तरह दो लोगों को निकालने में सफलता मिली।

ऊपरी सतह में फंसा था भगीरथ, इसलिए बच गया

हादसे की सूचना मिलते ही बीडीओ पावन आशीष लकड़ा, थाना प्रभारी आकाशदीप, मुरी ओपी प्रभारी विपुल ओझा, हिंडालको के एचआर हेड अरुण राय, विधायक प्रतिनिधि जयपाल सिंह समेत सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंच गये। लोगों ने कुएं में दबे लोगों को निकालने की कोशिश शुरू कर दी। किसी तरह से मिट्टी की ऊपरी सतह पर फंसे भगीरथ मांझी को निकाला गया।

बाद में जेसीबी से मिट्टी की कटाई शुरू की गयी। चार घंटे की मशक्कत के बाद गंभीर रूप से घायल मंटू मांझी को निकाला गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गयी। रात करीब 8:45 बजे विष्णु चरण मांझी को मृत अवस्था में निकाला गया। देर रात तक अन्य दबे लोगों को निकालने का प्रयास जारी था।

इनकी बची जान : भगीरथ मांझी (17, पिता- बहादुर मांझी), सुरेंद्र दास ( 23, पिता-धनेश्वर दास), इनकी गयी जान : मंटू मांझी (52 वर्ष), विष्णु चरण मांझी (45, पिता- लोबिन मांझी) ये अब भी मिट्टी में दबे हैं : रमेशचंद्र मांझी (62, पिता – बाबूलाल मांझी), बहादुर मांझी (40, पिता-धनो मांझी), गुरुपद मांझी (52, पिता राम हरि मांझी), टेंपू मांझी (45 वर्ष)

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