Joharlive Team

रांची। झारखंड महिला विकास समिति और बाल कल्याण संघ रांची के संयुक्त तत्वाधान में संचालित राज्य संसाधन केंद्र की ओर से ट्रैफिकिंग से मुक्त 12 बालिकाओं और दो बालकों को दिल्ली से वापस रांची लाया गया। गरीब रथ ट्रेन से इन बच्चों को रांची रेलवे स्टेशन लाया गया है। बाल कल्याण समिति को इन बच्चों को सुपूर्द किया गया है।

झारखंड के महिला और नाबालिग बच्चियां सबसे ज्यादा दिल्ली ही पलायन करते हैं। वहीं दलालों के चंगुल में फंसे इन नाबालिग से दिल्ली में इन्हें काम दिलाने के नाम पर ठगा जाता है। लगातार इसकी सूचनाएं जब विभिन्न संस्थाओं को मिलती है. तब वह अपने तरीके से इनका रेस्क्यू कर उन्हें झारखंड वापस लाने का काम करते हैं. इसी कड़ी में बुधवार को ट्रैफिकिंग से मुक्त कराकर 14 बालक और बालिकाओं को दिल्ली से गरीब रथ एक्सप्रेस से रांची लाया गया। इनमें 12 नाबालिग बच्चियां हैं और दो नाबालिग बच्चे हैं. रेस्क्यू कर वापस आए इन बच्चों में पूर्वी सिंहभूम जिला की एक, पश्चिमी सिंहभूम जिला के पांच, पाकुड़ जिले की एक, साहिबगंज जिले की दो, सिमडेगा जिला की एक, गोड्डा जिला की दो, गुमला जिला की एक और खूंटी जिले के 2 बच्चे शामिल हैं।

सभी बच्चों को रांची वापस लाया गया और रांची में इनके पुनर्वास के लिए चाइल्ड लाइन और बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया। रेस्क्यू टीम में सुनील कुमार गुप्ता, निर्मला खलखो, मंजू कुमारी, अंकित मिश्रा और दिल्ली पुलिस की टीम शामिल थी।

रेस्क्यू किए गए इन बच्चों में से एक नाबालिग बच्ची ने बताया कि उनके साथ काफी प्रताड़ना दिल्ली में हुई है। जिनके घर वह काम करती थी घरेलू काम के दौरान भी उन्हें काफी सताया जा रहा था। मालिक की तरफ से मारा और पीटा जाता था, लेकिन ऐन मौके पर रेस्क्यू टीम की ओर से उन्हें वहां से बचाया गया और वह अब झारखंड आकर काफी खुश है।

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