रांची: डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. जीवन बचाने से लेकर लोगों की सेहत सुधारने में उनका अहम रोल होता है. लेकिन डॉक्टर की एक छोटी सी गलती की वजह से मरीज की जान पर बन आई है. आपरेशन के बाद डॉक्टर ने महिला के पेट में ही टॉवेल छोड़ दिया. जिससे कि वह पिछले 4 महीने से असहनीय दर्द झेल रही है. अब रिम्स पहुंचने के बाद महिला का इलाज शुरू कर दिया गया है. वहीं मरीज के परिजनों ने डालसा सचिव को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है. बता दें कि चार महीने पहले महिला की डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने टॉवेल उसके पेट में ही छोड़ दिया था. जिसके बाद से महिला दर्द से परेशान थी.
क्या है पूरा मामला
लोहरदगा के मसमानों की रहने वाली कौशिला देवी का ऑपरेशन लोहरदगा सदर अस्पताल में किया गया. इस दौरान टॉवेल पेट में ही छोड़ दिया. इसका खुलासा तब हुआ जब आपरेशन के 4 माह बाद महिला के पेट का अल्ट्रासाउंड कराया गया. इन चार महीनों के दौरान महिला असहनीय पेट दर्द से परेशान रही. 26 जून को महिला कौशिला देवी के पेट का ऑपरेशन किया गया था. ऑपरेशन के कुछ घण्टों के बाद ही उसे दर्द होने लगा. समस्या बताने पर डॉक्टर ने दर्द की दवाइयां दी. दर्द कम होने की बजाय बढ़ता रहा. महिला ने दूसरे डॉक्टर से संपर्क किया. जिसने रिपोर्ट देखने पर बताया कि उसकी पेट में कपड़े का टुकड़ा छूट गया है. यह सुनते ही महिला और उसके परिजन को शॉक लगा. परिजनों ने बिना देर किए उसे रिम्स में एडमिट कराया. डॉ मीना मेहता की यूनिट में इलाज शुरू कर दिया गया है. वहीं पीड़ित महिला ने डालसा प्रतिनिधि अनीता यादव को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. वहीं अनीता यादव ने कहा कि मरीज की हरसंभव मदद की जाएगी.
वहीं इस मामले में लोहरदगा के सिविल सर्जन राजमोहन खलखो ने कहा कि इस मामले में कोई जानकारी नहीं है. मेरे ज्वाइन करने के पहले का मामला है. फिलहाल मामला संज्ञान में आया है तो इसमें संबंधित लोगों से जानकारी ली जाएगी.