लातेहार : डाटम गांव निवासी टोकनारायण सिंह की हत्या के मामले का खुलासा कर दिया है। इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में पता चला है कि ओझा गुनी के संदेह में वारदात को अंजाम दिया गया था। पहले शव को दफनाया गया फिर सबूत मिटाने के लिए लाश को जमीन ने निकाल कर जलाया गया। घटना गत 28 फरवरी 2022 की है। पीड़ित परिवार ने 3 मार्च को इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर केस की जांच शुरू हुई। गिरफ्तार अभियुक्तों में डाटम गांव के मुकेश कुमार सिंह पिता रामकुमार सिंह,रामकुमार सिंह पिता नंदलाल सिंह,वीरेंद्र सिंह पिता स्व. रामदेव सिंह, हेमनारायण सिंह पिता त्रिभुवन सिंह, अनिल भुइयां पिता राजेश भुइयां,रांची मांडर के दिलीप कुमार सिंह पिता केश्वर सिंह, शशि गोप पिता बंधन गोप,सुनील उरांव पिता बिगा उरांव तथा रजवाल बालूमाथ के रितेश कुमार यादव पिता महेश शामिल हैं। पुलिस ने सभी आरोपियों को शुक्रवार को जेल भेज दिया।
घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल, टाटा मैजिक, खून लगा पत्थर, खून लगी मिट्टी व अभियुक्तों के कपड़े बरामद कर लिए गए हैं। SDPO संतोष कुमार मिश्र व पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी अमित कुमार गुप्ता ने इस बारे में जानकारी दी। जांच में पता चला कि कुछ दिन पहले मुकेश कुमार सिंह के भाई की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मुकेश कुमार सिंह को लगा कि टोकनारायण सिंह ने ओझा गुनी के जरिए भाई को मार दिया है। वहीं दिलीप कुमार सिंह को अपने सास की हत्या का शक था। इसके बाद इन दोनों ने टोकनारायण सिंह को हत्या करने की योजना बनाई। टोकनारायण सिंह कुरियाम कला से घर लौट रहे था।
इसी दौरान मुकेश कुमार सिंह व दिलीप कुमार सिंह ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिए। इसके बाद दोनों ने मिल कर पत्थर से कूचकर व चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को ठेकही नदी के किनारे बालू में दफना दिया गया। हत्या करने वाले आरोपियों को लगा कि मामले का खुलासा हो जाएगा। इसके बाद उन्होंने अपने कुछ नजदीकी लोगों को इस बारे में बताया। इसके बाद सबूत को खत्म करने की योजना बनी। 7 और लोगों की मदद से घटना के दो दिन के बाद शव को जमीन से बाहर निकाला गया। इसके बाद लाश को मालवाहक वाहन में लाद कर चामा जंगल ले जाया गया। यहां सभी अभियुक्तों ने मिल कर शव को जला दिया। पुलिस की जांच में पूरी कहानी सामने आ गई।