जमशेदपुर : एक तरफ जहां देश भर में खुले में शौच के खिलाफ अभियान चल रहा है. वहीं, जमशेदपुर के बर्मामाइंस हरिजन बस्ती में इस खुले में शौच मुक्त अभियान की हवा निकल गई है. ऐसा नहीं है कि यहां शौचालय नहीं है. दस कमरों वाला शौचालय बना हुआ है, मगर इसकी हालत बेहद खराब है. जर्जर शौचालय मलबे में तब्दील हो चुका है. आलम ये है कि इस शौचालय का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है. नतीजन, अब इलाके के लोग इस शौचालय में जाने के बजाय खुले में जाना ही सुरक्षित समझने लगे हैं. वहीं, अब यह मामला उपायुक्त भी कार्यालय पहुंच गया है, जहां उपायुक्त को मांगपत्र सौंपकर इसकी मरम्मत की गुहार लगाई गई है.
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क्या है मामला
इस संबंध में मुखी विकास समिति के सुरेश मुखी ने बताया कि मामले में कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया है. मगर इस दिशा में किसी ने पहल नहीं की है. जबकि पास ही में टाटा स्टील का ट्यूब डिवीजन है. कंपनी चाहे तो सीएसआर फंड के तहत हरिजन बस्ती के शौचालय का जीर्णोद्धार करा सकती है. मगर ना तो कंपनी और ना ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहे हैं. नतीजतन, सोमवार को बस्तीवासी जिला मुख्यालय पहुंच गए और उपायुक्त से मुलाकात करके एक मांगपत्र सौंप दिया. इसमें इस जर्जर शौचालय को दुरुस्त कराने की मांग की गई है. लोगों ने बताया कि बस्ती वासियों के लिए यह इकलौता शौचालय है. इसके जर्जर होने के कारण महिला, पुरुष बच्चे सभी खुले में शौच जाने को विवश हैं.
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