जम्मू-कश्मीर : 4 साल 4 महीना 6 दिन बाद जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट अहम फैसला सुनाएगा. इसी के मद्देनजर श्रीनगर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पूरी घाटी में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. खासकर सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है. इस बीच पूरी घाटी में सुरक्षा बलों के काफिले की रवानगी पर रोक लगा दी गई है. साथ ही वीआईपी की सुरक्षा में लगे काफिले पर भी रोक लगा दी गई है. घाटी में कुछ शरारती तत्वों को उठाया गया है, ताकि किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो. आईजी कश्मीर की ओर से सेना के साथ ही बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी तथा अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारियों व सभी पुलिस प्रमुखों को संदेश भेजकर कहा गया है कि जम्मू-श्रीनगर हाईवे तथा अन्य हाईवे पर कोई भी काफिला नहीं निकलेगा.
#WATCH | J&K: Security heightened in Srinagar ahead of the Supreme Court’s verdict on the batch of petitions challenging the abrogation of Article 370 in Jammu and Kashmir. pic.twitter.com/yfMNBwAK8v
— ANI (@ANI) December 11, 2023
पूरे दिन ड्राई डे रहेगा. इसके साथ ही वीआईपी तथा सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों के काफिले को निकलने से पूरी तरह बचने को कहा गया है. आईजी वीके बिर्दी ने बताया कि हम घाटी में किसी भी हालात में शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. सभी प्रकार के एहतियात बरते जा रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर में शांति व्यवस्था भंग न होने पाए. इस बीच अफवाह फैलाने के आरोप में एक न्यूज पोर्टल के दो संस्थापक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है.
5 अगस्त 2019 को संसद ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था, साथ ही राज्य को 2 हिस्सों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दी गई थीं, सभी को सुनने के बाद सितंबर में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज फैसले की घड़ी आ गई है. यानि 370 हटने के 4 साल, 4 महीने, 6 दिन बाद आज सुप्रीम कोर्ट यह फैसला सुनाएगा कि केंद्र सरकार का फैसला सही था या गलत.
सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ यह फैसला सुनाएगी. शीर्ष अदालत के पांच वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील
कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन,दुष्यन्त दवे, गोपाल शंकरनारायणन, जफर शाह.
केंद्र की तरफ से इन वकीलों ने रखा पक्ष
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमण, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी और वी गिरी.
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